राष्ट्र को जगाना है, तो सत्ता से दूरी जरुरी : पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ








अंतराष्ट्रीय विचारक, चिंतक का बीकानेर में संबोधन 


बीकानेर। संभाग मुख्यालय के जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित आदर्श विद्या मंदिर परिसर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 69 वीं पुण्यतिथि पर हुए एक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अंतराष्ट्रीय विचारक, चिंतक पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी प्रकार का स्वार्थ मन में न हो तो सत्ताएं आपकी बात सुनती हैं। आज अगर कोई दयनीय है, तो इसके लिए कोई दूसरा नहीं, वह स्वयं इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को जगाना है, तो सत्ता से दूर रहिए। सत्ता बहुत छोटी चीज है लेकिन दुर्भाग्य है कि इसे बहुत बड़ी बताया गया है। सत्ता से आंख से आंख मिलाकर वही बात कर सकता है, जिसमें सत्ता की चाह नहीं है।

कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सत्ता का सुख और सच बोलना अलग-अलग बात है। उन्होंने कहा कि अपने अंदर पुरुषार्थ पैदा कीजिए। सच्चाई के साथ अपनी बात रखो। जिसे आपने चुना है, उस तक अपनी बात पहुंचाने का तरीका आना चाहिए। देश छोटा होता है, लेकिन राष्ट्र बड़ा होता है। राष्ट्र आस्थाओं, परम्पराओं, संस्कृति और सरोकारों से चलता है। राष्ट्र का मजबूत रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इतिहास की वास्तविकता से रूबरू करवाना जरूरी है। सच बोलिए, तथ्यों के साथ बोलिए। इस दौरान कुलश्रेष्ठ ने देश की आजादी के बाद तत्कालीन राजनीति, कुछ निर्णयों और इसके देश पर पड़े प्रभाव, कश्मीर में 35 ए को लगाने पर भी अपनी चिर परिचित शैली में तंज भी कसे। आयोजन से जुड़े जतिन सहल ने बताया कि दौराने कार्यक्रम स्वामी विमर्शानंदगिरिजी के सान्निध्य में दाताश्री रामेश्वरानंदजी ने अध्यक्षता की। बतौर मुख्य अतिथि जाने माने समाजसेवी कामेश्वर प्रसाद सहल मौजूद रहे। इस अवसर पर रजन शर्मा, ओमप्रकाश सोनगरा, परमानंद ओझा, किशोर कुमार बांठिया सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता भी विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग के साथ शामिल हुए। 

इससे पूर्व कुलश्रेष्ठ के यहां पहुंचने पर वंदे मातरम् मंच टीम से विजय कोचर सहित अनेक गणमान्य लोगों ने स्वागत सत्कार किया।