'रेलवे के लिए स्टार्टअप', समस्याओं के विवरण की पहचान कर पोर्टल पर किया अपलोड







** डीआरएम राजीव श्रीवास्तव की प्रेस-कांफ्रेंस


**** ऑनलाईन ई-ऑक्शंन मॉड्यूल द्वारा लीजिंग,पब्लिसिटी एवं पार्किंग के ठेके आबंटित करेगी भारतीय रेलवे 


***** एक स्टेशन एक उत्पाद योजनांतर्गत बीकानेर मंडल के 104 स्टेशन चिन्हित


CK NEWS/CHHOTIKASHI बीकानेर, 14 जून। रुट किलोमीटर के हिसाब से भारतीय रेलवे में सबसे बड़े मंडल बीकानेर के डीआरएम राजीव श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रेलवे ने नवाचार नीति 'रेलवे के लिए स्टार्टअप' का शुभारम्भ किया है। डीआरएम राजीव श्रीवास्तव ने 'स्टार्टअप्स' और 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' को प्रोत्साहित करने के लिए बुलायी गयी प्रेस-कांफ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि जिसके तहत मई महीने में क्षेत्रीय इकाईयों को समस्या क्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था जिसके प्रत्युत्तर में अभी तक लगभग 160 समस्या विवरण प्राप्त हो चुके हैं। प्रारंभ में नई नवाचार नीति के माध्यम से निपटने के लिए 11 समस्याओं के विवरण की पहचान की गयी है जिसे पोर्टल पर अपलोड किया गया है। उनमेें टूटी हुई रेल जांच प्रणाली, रेल तनाव निगरानी प्रणाली, भारतीय रेलवे के साथ इंटरऑपरेबल उपनगरीय खंड के लिए हेडवे सुधार प्रणाली राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली, ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का स्वचालन, हैवी हॉल फ्रेट वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन, 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजीटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास, ट्रैक सफाई मशीन, प्रशिक्षण के बाद के संशोधन और स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यकमों के लिए ऐप्प, पुल निरीक्षक के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग शामिल है। इस अवसर पर एडीआरएम निर्मल कुमार शर्मा, सीनियर डीसीएम अनिल कुमार रैना, डीसीएम जितेंद्र कुमार शर्मा भी मौजूद थे। 


पांच हजार स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजनांतर्गत स्टाल/कियोस्क


डीआरएम राजीव के अनुसार भारतीय रेलवे द्वारा 'एक स्टेशन एक उत्पाद योजना' के अंतर्गत पांच हजार स्टेशनों पर स्टाल/कियोस्क लगने हेतू निर्देशित किया गया है। जिसमें बीकानेर मंडल के 104 स्टेशनों को चिन्हित किया गया है जिन पर इस योजनांतर्गत जो उद्देश्य बताए गए हैं उनमें भारत सरकार के वोकल फोर लोकल विजन को बढ़ावा देना, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना, रेलयात्रियों को भारत की समृद्ध विरासत का अनुभव करने और स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों को खरीदने का अवसर प्रदान करना, समाज के वंचित वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करना शामिल है। योजना के तहत ही रेलवे स्टेशनों पर आउटलेट-फिक्स्ड स्टॉल/कियोस्क उपलब्ध कराएगा ताकि उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता प्रदान की जा सके। उत्पाद श्रेणी में हस्तशिल्प/कलाकृतियां, कपड़ा और हथकरघा, पारंपरित वस्त्र, स्थानीय कृषि उत्पाद/प्रोसेस्ड/सेमी प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ शामिल है।


ऑनलाईन ई-ऑक्शंन मॉड्यूल द्वारा लीजिंग,पब्लिसिटी एवं पार्किंग के ठेके आबंटित करेगी भारतीय रेलवे 


भारतीय रेलवे ऑनलाईन ई-ऑक्शंन मॉड्यूल द्वारा लीजिंग,पब्लिसिटी एवं पार्किंग के ठेके आबंटित करेगी । ये मॉड्यूल आईआरईपीएस लिंक के ई-ऑक्श्न मॉड्यूल के थ्रू होगा । ई-ऑक्शकन सिस्टेम ई-ठेकों का परिवर्तित और नया संस्करण है। जिसमें प्रक्रिया की जटिलता को दूर करते हुए रेलवे और वेंडर्स के काम को सुगम बनाया गया है, जिसके कारण ई-ऑक्शलन पर त्वरित आबंटन और परिचालन हो सकेगा । सिस्ट्म में भौतिक लेन-देन न होकर सारा विनिमय ऑन-लाईन प्लेटफार्म पर होगा। प्रथमत: वेंडर्स को एक मुश्त 10,000/- की पंजीकरण राशि देते हुए स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में चालू खाता खोलना होगा । यह राशि नॉन-रिफण्डेबल होगी। रेलवे द्वारा दिए जाने वाले कार्य (अर्निंग/एसेसरीज), जिन्हें  ई-ऑक्श‍न पर एसेट्स कहा गया है। जिसके लिए ग्राहकों अथवा इच्छित आवेदकों को आईआरईपीएस लिंक में जाकर रजिस्टर करना होगा एवं स्टेेट बैंक ऑफ इण्डिया में करंट एकाउण्ट  खोलना होगा । तत्परश्चात आईआरईपीएस  एकाउण्टट से स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में एकाउण्ट को इंटिग्रेट कराना होगा। अंतिम चरण में कुल कारोबार के विवरण का नवीनीकरण करना होगा। नियत दिवस पर पंजीकृत वेंडर्स उस पर अपनी ई बोली लगाएंगे , जिन्हें सक्षम अधिकारी द्वारा उसी दिन स्वीकार/अस्वीकार करके एलओए आदि जारी कर दिया जाएगी एवं अनुबंध भी ऑन-लाईन विस्थापित होगा। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक आवेदक www.ireps.gov.in पर लॉग इन कर “ user manuel for contractor “ & “ preregistration for contractor “ का अवलोकन करे।