देव प्रतिमाओं की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा इन्हें जीवंत करती है : महंत अर्जुनदासजी









ओंकारेश्वर में तिरुपति बालाजी भगवान के मंदिर का प्रतिष्ठापना महोत्सव 


हाथीरामजी मठ में छः दिवसीय उत्सव की संपन्नता आज


ओंकारेश्वर। श्री श्री हाथीरामजी मठ तिरुपति (आंध्र प्रदेश) के मठाधिपति श्रीश्री 1008 अर्जुनदासजी महंतजी ने कहा कि सनातन धर्म के मूर्तियां भगवान का विग्रह स्वरुप होती है, जिसकी विधिवत स्थापना के बाद ही इनका पूजन प्रारंभ होता है। उन्होंने कहा कि देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य महोत्सव रुपी विविध वैदिक मंत्रोच्चार एवं हवन यज्ञ में विधिवत आहुति सरीखे आयोजन इस दौरान होते हैं तथा पाषाण से परमात्मा बनने की क्रिया प्रारंभ होती है। महंत अर्जुनदासजी बुधवार को यहां नरसिंह कुंड मार्ग स्थित श्री स्वामी हाथी रामजी मठ में श्री वेंकटेश्वर स्वामी (तिरुपति बालाजी) भगवान के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव अवसर पर अपने प्रवचन में बोल रहे थे। छह दिवसीय आयोजन के तहत 8 जून को विभिन्न कार्यक्रम एवं हवन यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ मूर्ति स्थापना, प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभाभिषेक, ध्वज स्तंभ प्रतिष्ठा विशेष पूजा संपन्न हुई। इस अवसर पर अर्जुनदासजी ने बताया कि देवों की प्रतिमा में जान डालने की विधि को ही प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं, यह मूर्ति को जीवंत करती है। जिससे कि यह किसी श्रद्धालु व्यक्ति की विनती प्रार्थना को स्वीकार कर सके। महंतजी ने कहा कि किसी भी देव मूर्ति की मंदिर में प्रतिष्ठापना में पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है, हवन यज्ञ के माध्यम से देवी देवताओं का आह्वान कर विविध प्रकार से धार्मिक अनुष्ठान से उन्हें प्रसन्न कर आस्था-भक्ति के साथ लोक कल्याण की भावना को बलवती भी किया जाता है। स्वामी हाथीरामजी मठ से जुड़े डॉ विद्यार्थी प्रसाद मिश्र व संतश्री प्रमोददासजी ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से अनेक मठ-आश्रमों से महन्त व धर्मगुरुओं ने शिरकत की, जिनमें प्रमुख रुप से जगद्गुरु श्रीमाधवाचार्यजी, पंचकुइया इंदौर से महामंडलेश्वर लक्ष्मणदासजी, ओंकारेश्वर से महामंडलेश्वर श्रीचंद्रमौलीदुलारी बाबाजी व महामंडलेश्वर श्रीरामसेवकदासजी, उड़ीसा से श्रीरामकृष्णदासजी, चित्रकूट से श्री राजीवलोचनदासजी, नंदीपेट से बालयोगी रामलूमहाराजजी,  सहित अनेक संतवृंद शामिल हुए। डॉ मिश्र ने बताया कि गुरुवार को आयोजन की संपन्नता पर कल्याणोत्सवम व महाप्रसादम होगा जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण शामिल होकर प्रसाद पाएंगे। आयोजन की विभिन्न व्यवस्थाओं में हाथीरामजी मठ से जुड़े शिवनारायणदासजी, कृष्णदासजी व माधवदासजी कोतवाल ने सहभागिता निभाई। विप्र पंडितों द्वारा विधान पूर्वक संपन्न कराए गए। इस आयोजन में दक्षिण भारत के लोक संगीत कलाकारों ने भी भक्तिमय प्रस्तुतियां दी। महंतश्री अर्जुनदासजी ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं-भक्तजनों को आशीर्वाद प्रदान किया।