बीकानेर 11 मई। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के खजूर फार्म का भ्रमण कर खजूर की 54 विभिन्न प्रजातियां व उनके मूल्य संवर्धित उत्पाद, खजूर में परागण आदि के बारे में जाना। भीषण गर्मी के दौरान पानी की व्यवस्था, सिंचाई का ध्यान एवं फलों को पक्षियों से बचाने के लिए फ्रूट कवर जैसी व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन के बारे में भी उन्हे जानकारी दी गई। इस दौरान कुलपति प्रो.आर पी सिंह ने बताया कि डॉ प्रियंका कुमावत ने Ph.D के दौरान डॉ आर एस राठौड़ के निर्देशन में परागण संबंधी अनुसंधान कार्य किया है। इस तरह का अनुसंधान देश मे खजूर पर पहली बार किया गया है। इसके तहत नर खजूर के परागकणों का पानी के साथ घोल बनाकर परागण प्रक्रिया में उपयोग करने पर अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। खजूर फार्म प्रभारी डॉ आर एस राठौड़ ने बताया कि भ्रमण के दौरान अनुसंधान निदेशक डॉ पी एस शेखावत और जोनल डायरेक्टर रिसर्च डॉ एस आर यादव ने खजूर की खेती के लिए आवश्यक जलवायु, सिंचाई व प्रबंधन की जानकारी दी।