डॉ. आर्तबंधु साहू : गुजरात में उभरते उष्‍ट्र दुग्‍ध व्‍यवसाय से सीख लें राजस्थान के ऊंट पालक









बीकानेर, 24 मार्च (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। गुजरात राज्‍य में ऊंटों की संख्‍या बढऩे के साथ-साथ उष्‍ट्र दुग्‍ध व्‍यवसाय भी तेजी से उभर रहा है। नतीजतन वहां के ऊंटपालक, इस प्रजाति के औषधीय गुणधर्मों युक्‍त 'अमृत तुल्‍य दूध' की बिक्री कर अच्‍छा लाभ कमाने लगे हैं, इससे राजस्‍थान के ऊंटपालक व किसान भाई भी प्रेरित होकर इस व्‍यवसाय को अपनाकर अपनी समाजार्थिक स्थिति में महत्‍वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। ये विचार केन्‍द्र के निदेशक डॉ आर्तबन्‍धु साहू ने राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र (एनआरसीसी) में गुरुवार से प्रारम्‍भ हुए 'उष्‍ट्र डेयरी में उद्यमिता विकास एवं उष्‍ट्र स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन' विषयक तीन दिवसीय 24 से 26 मार्च तक प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्‍भ पर व्‍यक्‍त किए। गुजरात के कच्‍छ जिले से आए 10 ऊंटपालकों के इस दल को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि प्रशिक्षणार्थी, इस केन्‍द्र में ऊंटनी के दूध से बनने वाले विभिन्‍न दुग्‍ध उत्‍पादों की जानकारी लेकर इन्‍हें बनाना भी सीखें वहीं वे उष्‍ट्र चमड़े, ऊन.बाल, हड्डी आदि से निर्मित उत्‍पादों को भी देखते हुए इस प्रजाति की बहुआयामी उपयोगिता को भी जानें। केन्‍द्र निदेशक ने एनआरसीसी द्वारा कैमल इको.टूरिज्‍म के दृष्टिकोण से विकसित विभिन्‍न पर्यटनीय सुविधाओं एवं आमजन में इसके प्रति बढ़ते रूझान के प्रति उनका ध्‍यान आकर्षित करवाते हुए उष्‍ट्र पर्यटन व्‍यवसाय की संभावनाओं को उजागर किया व इस ओर उन्‍हें प्रेरित किया। उन्‍होंने एनआरसीसी द्वारा ऊंटपालकों को और अधिक बेहतर रूप से प्रशिक्षित करने हेतु सहजीवन संस्‍था के माध्‍यम से दीर्घ अवधि के प्रशिक्षणों की आवश्‍यकता भी जताई। एनआरसीसी के एग्री बिजनेस इनक्‍यूबेशन सेंटर एवं इस प्रशिक्षण के समन्‍वयक डॉ शिरीष नारनवरे, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण में गुजरात के इस दल को ऊंटनी के दूध उत्‍पादन क्षमता का विकास, थनैला रोग की पहचान व रोकथाम, ग्‍याभिन व दुधारू ऊंटनी की देखभाल, स्‍वच्‍छ दूध उत्‍पादन, पशुओं हेतु चारा उत्‍पादन प्रबंधन, पशु प्रजनन, ऊंटनी के दूध से उत्‍पाद तैयार करना, उष्‍ट्र पर्यटन द्वारा उद्यमिता विकास व पशु के विभिन्‍न संक्रामक रोगों पर विषय-विशेषज्ञ व्‍याख्‍यानों के माध्‍यम से जानकारी देंगे। गुजरात की सहजीवन संस्‍था के प्रोजेक्‍ट कॉर्डिनेटर महेश पीण्गरवा, केन्‍द्र के वैज्ञानिक डॉ शान्‍तनु रक्षित व डॉ श्‍याम सुन्‍दर चौधरी द्वारा उष्‍ट्र डेयरी एवं फीड उत्‍पादन इकाई का भ्रमण करवाते हुए व्‍यावहारिक जानकारी प्रदान की गई।