"शिव नवरात्रि के आठवें दिवस बाबा महाकाल ने दिया शिव तांडव स्वरूप में दर्शन"








उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में श्री महाकालेश्वर मन्दिर स्थित है। इसे भारत के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। 28 फरवरी सोमवार सोम प्रदोष के पर्व पर शिवनवरात्रि के आठवें दिवस सायं पूजन के पश्चात बाबा महाकाल ने शिव तांडव स्वरूप धारण कर भक्तों को दर्शन दिये। इसके पूर्व प्रात: श्री महाकालेश्वर मंदिर के नैवैद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन किया गया तथा कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन के पश्चात शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक, एकादश-एकादशनि रूद्रपाठ से किया गया। भगवान श्री महाकालेश्वर को शिव तांडव स्वरूप का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुण्ड माल एवं फलों की माला धारण करायी गयी। 

प्रशासक गणेश धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 मार्च को प्रात: 2.30 बजे भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट भस्मार्ती हेतु खुलेंगे और भस्मार्ती रात्रि 2.30 बजे से 4.30 बजे तक संपन्न होगी। दद्योदन आरती प्रात: 7.30 बजे से प्रात: 8.15 बजे की जायेगी। भोग आरती प्रात: 10.30 बजे से 11.15 होगी। सम्पूर्ण दिन श्री महाकालेश्वर का सतत जलधारा से अभिषेक होगा। दोपहर 12 बजे गर्भगृह में उज्जैेन तहसील की ओर से पूजा की जावेगी व सायं 04 बजे होलकर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन होगा। संध्या आरती शाम 5.30 बजे होगी। कोटेश्वर भगवान का पूजन रात्रि 9 बजे से 10 बजे पूजन होगा। 1 मार्च को भगवान महाकाल को रात्रि 10.30 बजे के बाद से जल चढना बंद हो जायेगा तथा महापूजन प्रारंभ होगा। पूजन में बाबा श्री महाकाल को पंचामृत, 7 फलों के रस, केसर, भांग आदि से अभिषेक किया जाएगा। 


शिव धारण करेंगे सवा मन का पुष्प मुकुट..


श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में एक ही बार भगवान महाकाल को सवा मन का पुष्प मुकुट धारण कराया जाता है और साथ ही महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार भगवान शिव के दर्शन दर्शनार्थियों के लिए चौबीस घंटे गर्भगृह के पट खुले रहते है। महाशिवरात्रि पर एक ऐसा अवसर आता है जिस पर महाकाल सोते नहीं है। इस पर्व पर भगवान महाकाल सवा मन का फूलों से सजा मुकुट धारण करते है। साल में एक बार दिन में 12 बजे भस्मार्ती होती है। 


2 मार्च को होगी वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती..


महाशिवरात्रि के अगले दिन यानि दो मार्च, बुधवार को प्रात: 4 बजे से सेहरा चढना और प्रात: 6 बजे सेहरा आरती होगी। दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्मार्ती होगी। दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक भोग आरती तत्पतश्चात ब्राम्हण भोज होगा। संध्या पूजन शाम 5 बजे से 5.45 बजे भगवान को जल चढना बंद होगा। शाम 6.30 बजे से 7.15 बजे तक संध्या आरती और रात्रि 10.30 बजे शयन आरती के बाद पट मंगल हो जायेंगे।