विश्व इतिहास में पहली बार कृष्णगिरी में अतिविशाल 53 कुण्डीय भैरव सिद्धि महाविधान का आगाज













-राष्ट्रसंत पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के 53वें अवतरण दिवस पर त्रिदिवसीय अलौकिक आयोजन 


-दुनिया के विभिन्न देशों सहित भारतभर से शामिल हुए हजारों श्रद्धालू-गुरुभक्त 


कृष्णगिरी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ धाम कृष्णगिरी के पीठाधिपति, विश्व शांतिदूत, राष्ट्रसंत, आध्यात्म योगी, सर्वधर्म दिवाकर परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के 53वें अवतरण दिवस पर त्रिदिवसीय भक्त कल्याण महोत्सव का आगाज विभिन्न मंत्रों की गूंज के साथ मंगलवार को हुआ। यहां विश्व इतिहास में पहली बार हो रहे महाचमत्कारिक श्री भैरव सिद्धि विधान के तहत अति विराट 53 कुण्डीय हवन यज्ञ में 121 विद्वान पंडितों द्वारा घी, मेवा, चंदन की लकडिय़ां व विविध प्रकार की दुर्लभ औषधियों आदि की आहूतियां दी गई। चिदम्बरम स्थित नटराज मंदिर के इन पंडितों के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों से तथा दुनिया के अनेक देशों से शामिल हुए 530 जोड़ों के रुप में श्रद्धालू गुरुभक्त इसमें आहूतियां दे रहे हैं। पूज्य गुरुदेवश्रीजी की निश्रा में भैरव सिद्धि विधान में 53 विशिष्ट यजमान शामिल हुए है, वहीं आयोजन में समस्त गुरुभक्तों के लिए सभी व्यवस्थाएं नि:शुल्क की गयी है। मंगलवार प्रात: पंडित सेल्वरत्न दीक्षित द्वारा सभी विशिष्ट यजमानों की सुख-समृद्धि व आरोग्यता के साथ राष्ट्रहित एवं विश्व शांति की कामना का संकल्प कराया गया। इसके बाद बीजमंत्र 'ऊं बं बटुकाय नम:' के जाप के साथ यह महाविधान प्रारंभ हुआ। पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने इस दौरान उपस्थित श्रद्धालूओं को अपने आशीर्वचन में कहा कि ईश्वर को प्राणीमात्र की सेवा के साथ विनयवान भक्ति प्रिय है। ऐसे में सात्विक व्यक्ति का संसाररुपी जीवन तभी सफल होगा जब इस भक्ति की शक्ति को पहचानेंगे। पूज्यश्री डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कर्मशील बनने एवं गौसेवा की सीख तथा अन्न की महत्ता पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि संस्कार पवित्र होंगे तभी धर्म सार्थक होगा। देवताओं को साधने के लिए साधना के साथ-साथ विश्वास भी जरुरी है। उन्होंने कहा कि संत धर्म को समर्पित होते हैं, जीवन में संत संगत होनी चाहिए। वे बोले कि ईश्वर की ताकत सिर्फ गुरु ही दिला सकते हैं। कार्यक्रमकासीधाप्रसारण गुरुदेव श्रीजीके अधीकृत वेरिफाइड यू ट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाईव किया गया। आयोजन से जुड़े डॉ. संकेश जैन ने बताया कि बुधवार को दोपहर में तीर्थधाम मेें स्थित श्री पार्श्वपद्मावती गौशाला में विशेष गौपूजन कार्यक्रम भी होगा। 



भारतभर सहित 6 देशों के गुरुभक्त हुए शामिल


कृष्णगिरी तीर्थधाम में पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के 53 वें अवतरण दिवस पर आयोजित भक्त कल्याण महोत्सव में दुनिया के 6 देशों सहित देशभर के करीब 25  राज्यों के पंजीकृत हजारों श्रद्धावान गुरुभक्त शामिल हुए है। इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका, लंदन, यूएसए, केन्या, कोलम्बो व नेपाल सहित भारतभर के लगभग हर राज्य से श्रद्धालू पहुंचे है। कार्यक्रम का समापन 10 मार्च, गुरुवार को महालक्ष्मी महापूजन विधान अभिषेक एवम् भक्ति संध्या के साथ होगा। 



आज गौपूजन व कल होगा महालक्ष्मी पूजन विधान


त्रिदिवसीय कार्यक्रम के तहत बुधवार को दोपहर में गौ पूजन व रात्रि में श्री भैरव सिद्धि महाविधान सम्पन्न होगा। पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के सान्निध्य में गुरुवार को आयोजन के तीसरे व समापन दिवस पर अतिदिव्य अष्टमहालक्ष्मी महाविधान पूजन होगा। जिसके तहत लक्ष्मीजी की अलौकिक प्रतिमा का 108 किलो दूध व अनेक दिव्य औषधियों से महाभिषेक पूजन विधान होगा। इस दौरान सिद्ध किए हुए यंत्र को गुरुभक्तों को सुख, समृद्धि एवं सम्पन्नता के आशीर्वाद के साथ प्रदान किया जाएगा।