राजकीय विधि कॉलेज में अपराधिक मूट कोर्ट का मंचन








बीकानेर, 19 फरवरी (सीके न्यूज।छोटीकाशी)। राजकीय विधि महाविद्यालय बीकानेर में अपराधिक मूट कोर्ट का मंचन किया गया। सहायक आचार्य मीनाक्षी कुमावत एवं सेवानिवृत्त डीडीपी एम.डी. उपाध्याय के निर्देशन में सरकार बनाम राजाराम आदि (अंतर्गत धारा 447, 302/34, 323 ,325 भारतीय दंड संहिता) मामले के महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा न्यायालय की पूर्ण प्रक्रिया को अपनाते हुए किया गया। यह आपराधिक मामला खेत की सीमा विवाद से जुड़ा हुआ था जिसमें मृतक को उसके खेत पड़ोसी द्वारा लाठी एवं गंडासे से गंभीर चोटे पहुंचा कर उसकी मृत्यु कारित की गई थी। इस मूट कोर्ट में जज ने फैसला सुनाते हुए अपराधीगण राजाराम व रामधन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मजिस्ट्रेट के रूप में छात्र प्रथम जोशी, सहायक अभियोजन अधिकारी के रूप में अनुराग गहलोत, सेशन जज के रूप में छात्रा वंशिका गोस्वामी, अभियोजन पक्ष की ओर से छात्र भौमिक आचार्य तथा बचाव पक्ष की ओर से छात्रा अंजलि शेखावत एवं स्वयं परिवादी की ओर से छात्रा माधुरी भाटिया ने पैरवी की। स्टेनोग्राफर की भूमिका सब्बा चौहान एवं कोमल पंवार ने अदा की। रीडर के रूप में नेहा शर्मा एवं मनीषा पंडित ने, मजिस्ट्रेट न्यायालय में बचाव पक्ष के वकील के रूप में छात्र जीतू सिंह ने पैरवी की। हलकारा की भूमिका में छात्र सलील ने उत्कृष्ट कार्य किया तथा अन्य विद्यार्थियों यथा केशव आचार्य, प्राची अग्रवाल, राघवेंद्र सिंह, राजेश विशनोई आदि ने भी अपनी-अपनी भूमिका सफलता पूर्वक निभाई। तत्पश्चात् महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवानाराम बिश्नोई ने मूट कोर्ट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके जरिये छात्रों को न्यायालय में प्रस्तुत होने का ढंग, अभिवचन का प्रारूप, वाद पत्र की विरचना, लिखित कथन एवं उसका प्रारूप, विचारण से पहले की तैयारी एवं व्यवसायिक शिष्टाचार का ज्ञान होता है। मुख्य अतिथि सेवानिवृत न्यायाधीश महेश शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मूट कोर्ट न्यायालय में भागीदारी से विद्यार्थियों में व्यवहारिक कुशलता का विकास होता है तथा आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। विशेष अतिथि राजकीय विधि महाविद्यालय बीकानेर के पूर्व प्राचार्य डॉ. अनिल कौशिक ने भी विचार रखे। सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र दिये गए। संचालन महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. कुलदीप ंिसंह ने किया व धन्यवाद महाविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. कुमुद जैन द्वारा ज्ञापित किया गया।