एसकेआरएयू: हर्बल वाटिका का उद्घाटन, आगंतुक किसान देख सकेंगे हर्बल वाटिका: औषधीय पौधों की जानकारी मिलेगी





CK NEWS/CHHOTIKASHI बीकानेर 14 अक्टूबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह ने एटिक में स्थापित हर्बल वाटिका का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह ने कहा की इस कोरोना काल में सरकार द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को प्रचारित करते हुए लोगों को काढ़े का सुझाव दिया गया और लोगों ने भी पूरा विश्वास करते हुए काढ़े को अपनाया। काढ़े के उपयोग से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी। कोरोना के दौरान जिस तरह आयुर्वेद और औषधीय पौधों पर विश्वास किया उसने, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालीयों के लिए प्राणवायु काम किया है और पूरी दुनिया में देश को पहचान मिली है। प्राचीन काल से ही मनुष्य रोग उपचार के लिए विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों का उपयोग करता आया है औषधि पौधे अधिकतर जंगली होते हैं और इनके अद्भुत गुणों के कारण हमारे देश में इनकी पूजा-अर्चना भी की जाती है यह पौधे सिर्फ निरोगी बनाए रखने के अलावा हमारी परंपरा और संस्कृति के कारक भी है। इन पौधों की जड़े, तने, पत्तियां, फूल, फल, बीज यहां तक की छाल का उपयोग भी रोग उपचार के लिए किया जाता है। हर्बल वाटिका लगाने के कई उद्देश्य है आगंतुक किसानों , प्रशिक्षणार्थियों को औषधीय पौधों के बारें में जानकारी देना और उनके सुझावों का समावेश करते हुए शोध अनुसंधान की दिशा में कार्य करना भी है।  औषधीय पौधें, पाचन क्रिया व इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ साथ पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी कारगर हैं। इस अवसर पर निदेशक अनुसंधान डॉ पी एस शेखावत, निदेशक प्रसार डॉ सुभाष चंद्र निदेशक भू सादृश्यता डॉ दाताराम, ओएसडी इंजी विपिन लड्ढा, एटीक प्रभारी डॉ सीमा त्यागी, डॉ सुशील कुमार उपस्थित रहे। एटिक प्रभारी डॉ सीमा त्यागी ने बताया कि अभी हर्बल वाटिका में सहजन, शतावरी, नागदोहन, सुदर्शन, अश्वगंधा, महुआ, वज्रदंती हरश्रृंगार, निर्गुंडी, अमलतास, गिलोय आदि सहित विभिन्न औषधीय पौधों को लगाया गया है ।