महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंदजी भारती के मुखारविंद से भागवत कथा सम्पन्न, 'अथ त्रिकाल संध्या प्रयोग' का विमोचन














कोलकाता/बीकानेर। महामंडलेशवर स्वामी विशोकानंद जी भारती के मुखारविंद से कोलकाता के बड़ाबाजार स्थित सत्संग भवन में भागवत कथा समापन समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। सत्संग भवन के रंगमंच में आयोजित इस गरिमामयी समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान पर्यटन विकास निगम कोलकाता एवं नोर्थ ईस्ट के प्रभारी अधिकारी हिंगलाज दान रतनू ने अपने उदबोधन में कहा कि जहां-जहां संत महापुरुषों के चरण पड़ जाते हैं वे स्थान स्वत: ही तीर्थ बन जाते हैं, ऐसे महान विभूति हमारे सनातन धर्म संस्कृति धर्म अध्यात्म की भारत की अक्षुण्ण परम्परा के आधार स्तंभ हैं तथा अपने मन वचन एवं से सर्वजन हिताय सर्व जन सुखाय का शाश्वत संदेश देते हैं। इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सत्संग भवन ट्रस्ट मंडल बड़ा बाजार कोलकाता के न्यासी बुलाकी दास मीमाणी ने बताया कि आज के इस भव्य एवं गरिमामयी समारोह में एक पुस्तक 'अथ त्रिकाल संध्या प्रयोग' का विमोचन हुआ एवं महानगर की दो विभूति का महामंडलेशवर स्वामी विशोकानंद जी भारती के कर कमलों द्वारा मानस सम्मान दिया गया है जिसमें राजस्थान की कला एवं संस्कृति के उत्थान के लिए कार्यरत श्रीमती नेहा चटर्जी एवं बांग्ला भाषा की प्रतिष्ठित पत्रिका संगबाद प्रभाकर टाइम्स के चीफ एडिटर अनिरुद्ध पॉल को स्वामी विशोकानंद भारती ने शॉल, श्रीफल एवं सद्साहित्य देकर मानस सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर विशिष्ट रुप से उद्योगपति एवं सत्संग भवन बड़ाबाजार कोलकाता के प्रधान ट्रस्टी लक्ष्मीकांत तिवारी उपस्थित थे। इस भागवत कथा के यजमान पवन भटटर एवं उनकी पत्नी सुमन भटटर ने भागवत आरती की एवं कथा समापन समारोह आयोजन की शोभा बढाई। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही जिसमें मुख्य मेहमान इस महानगर के बुलाकी दास मीमानी, अशोक तिवारी, गुडडन सिंह, राजू शर्मा, आकाश शर्मा, बुलाकी दास डागा, अभय पांडेय, यज्ञपरसाद शास्त्री, सत्यनारायण बासमती, राज कुमार बिनानी प्रमुख थे। कार्यक्रम सभा का सफल संचालन बुलाकी दास मीमानी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन पवन भटटर ने किया।