सीके न्यूज/छोटीकाशी। राजस्थान मेें बीकानेर के उपनगर गंगाशहर घूमचक्कर परिसर मेंं सेठ फौजराज बांठिया पार्श्वनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट ने करीब सवा सौ साल प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोंद्धार व नवीनीकरण कर उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की प्रतिकृृति के रूप तैयार करवाया है। मंदिर में शनिवार से वयोवृृद्ध पंडित नथमल पुरोहित के नेतृृृत्व मेंं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू हुआ। ट्रस्टी धनपत बांठिया ने बताया कि पूर्वजों की धरोहर केदारनाथ महादेव मंदिर के रुप में स्थापित किया है। यह मंदिर बीकानेर ही नहीं राजस्थान में अपने आप में अनूठा, पूजनीय व दर्शनीय होगा। मंदिर को हूबहू केदारनाथ धाम के अनुसार ही बनाने का प्रयास प्रभु कृृपा से किया गया है। रंगमंडप में केदारनाथ धाम जैसे पर्वतों की आकृृतियां चित्रांकन की गई है। मंदिर का निर्माण 125 साल पहले स्वर्गीय सेठ बींजराज, फौजराज बांठिया ने भगवान पाश्र्वनाथ के साथ शिव मंदिर बनवाया था। जैन व हिन्दू सनातन संस्कृृृति के इस अनूठे धाम में गर्भगृृह में काले कसौटी पत्थर से बनी पंचमुखी शिव की प्रतिमा पुन: स्थापित की जाएगी। इसके अलावा नूतन शिव परिवार की मूर्तियां लगाई जाएगी। रंग मंडप में राम दरबार, राधा कृृष्ण, दुर्गा माता, हनुमानजी प्रतिमाएं स्थापित होगी। पांच दरवाजों को जर्मन सिल्वर से तैयार करवाया है इसमें अष्ट मंगल, सनातन धर्म के धार्मिक प्रतीक चिन्हों, देवी देवताओं के चित्र उकेरे गए है। करीब डेढ साल से कोलीवाड़ा, पिंडवाड़ा पाली के कारीगर व उत्तरप्रदेश-उतराखंड के नामी पुस्तैनी पेंटर व चित्रकार मंदिर में कार्य कर रहे हैं। मंदिर का 31 फीट ऊंचा गुब्बज भी केदारनाथ धाम के निज मंदिर जैसा है। करीब 5200 गज परिसर के भगवान पाश्र्वनाथ मंदिर परिसर के शिव मंदिर में मार्बल, रोशनी व साज.सज्जा का भी अपने आप में अलग कार्य करवाया गया है जो शिव साधकों, आराधकों और भक्तों में शकून, शांति, भक्ति के साथ आध्यात्मिक चेतना जगाने का कार्य करेगा।
राजस्थान के बीकानेर में अपने आप में जैन व हिन्दू सनातन संस्कृति का अनूठा-पूजनीय व दर्शनीय केदारनाथ धाम प्रतिकृति का शिव मंदिर