कोरोना वायरस के खिलाफ एक बड़ा योगदान दिया आरपीएफ ने : आरपीएफ डीजी अरुण कुमार




नई दिल्ली/जयपुर, 25 जून (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने शुक्रवार को वर्चुअल प्रेस-कांफे्रंस में कहा कि सुरक्षा भारतीय रेलवे के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है।  यात्रियों की सुरक्षा के अलावा, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने भारतीय रेलवे में कोरोना वायरस के खिलाफ  अपनी लड़ाई को बनाए रखने के प्रयासों में कोविड -19 के दौरान एक बड़ा योगदान दिया है। महामारी के दौरान आरपीएफ  भारतीय रेलवे के प्रयासों में सबसे आगे रहा जैसे कि खड़े रोलिंग स्टॉक की सुरक्षा, जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराना, सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को एस्कॉर्ट करना, 45 डिलीवरी को संभालना और श्रमिक स्पेशल में लगभग 34 चिकित्सा आपात स्थिति। उन्होंने कहा कि देशभर के स्टेशनों पर कीमती जान बचाने के लिए आरपीएफ कर्मियों द्वारा अपनी जान जोखिम में डालने की कई घटनाएं सामने आई हैं। जीवन बचाने के लिए 2018 से भारत के राष्ट्रपति द्वारा आरपीएफ कर्मियों को 9 जीवन रक्षा पदक और 01 वीरता पदक प्रदान किया जा चुका है। 


बच्चों को बचाने में अहम भूमिका आरपीएफ की 

आरपीएफ  ने बच्चों को बचाने में अहम भूमिका निभाई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के परामर्श से मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अंतिम रूप दिया गया। वर्ष-2020 तक 132 स्टेशनों पर नामांकित गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्प डेस्क, 2017 से मई 2021 तक कुल 56318 बच्चों को बचाया गया है। वर्ष-2018 से मई 2021 तक कुल 976 बच्चों को तस्करों से छुड़ाया गया।


आरपीएफ आपदा राहत पहल शुरु

रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि रेलवे बाढ़ राहत दल (आरएफआरटी) बाढ़ के कारण ट्रेनों में फंसे यात्रियों तक पहुंचने और उनकी मदद के लिए आरपीएफ  आपदा राहत पहल शुरू की गई है। टीम पानी, भोजन, दवाएं आदि ले जा सकती है। यह अन्य बचाव और राहत एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में और एक अच्छी तरह से निर्धारित एसओपी पर काम करती है। एनडीआरएफ  द्वारा प्रशिक्षित 15 आरपीएफ  पुरुष/महिलाएं और 75 अन्य प्रशिक्षित किए जा रहे हैं। 05 सुरक्षा उपकरणों के साथ मोटरयुक्त इन्फ्लेटेबल नावें खरीदी गईं और 05 संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गईं। यह रेलवे के बाहर भी इस तरह के संचालन के लिए नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर सकता है।