गंगा और गाय हमारी अमूल्य निधि : संत भावनाथजी




बीकानेर। संतश्री भावनाथ आश्रम में स्थित गौ शाला में गंगा सप्तमी महोत्सव कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुवे गंगाजल के साथ गायों का भी प्रतीकात्मक पूजन कर मनाया गया तथा गायों को हरि सब्जी खिलाई गई। इस अवसर संतश्री भावनाथजी महाराज ने कहा कि गंगा और गाय भारत भूमि की अमूल्य निधि है इसकी सुरक्षा करना हर भारतीय का दायित्व है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं रोकनी है तो गाय और गंगा का महत्व हर किसी को समझना चाहिये। सस्कृतिकर्मी रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा 'भैरुं' ने गंगा और गाय का स्वस्तिवाचन कर पूजन किया। इस दौरान ओझा ने कहा कि गंगा जल में जल्दी से बैक्टीरिया नहीं पनपते वैसे ही गाय के गोबर के पास रेडिएशन कम हो जाता है, वैज्ञानिको को इस पर और अधिक रिसर्च करना चाहिये।विष्णु गहलोत, बजरंग राजपुरोहित ने गायों को चारा खिलाया व संतश्री भावनाथजी की उपस्थिति में  ईश्वर से प्रार्थना की गई कि संसार को शीघ्र ही कोरोना मुक्त करें।