जीतो बेंगलूरु के युवा विंग की सेमिनार, कमाई का लेखा-जोखा रखना अति-महत्वपूर्ण





संजय जोशी

 बेंगलूरु। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) बेंगलूरु की युवा विंग द्वारा यहां चामराजपेट स्थित कार्यालय में ‘वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर लेखा-जोखा का समापन’ विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। व्यापार में विभिन्न प्रावधानों के बारे में पेशेवरों व  व्यापारियों को एक मंच पर लाकर सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार का शुभारम्भ युवा जीतो अध्यक्ष अक्षय मेहता के स्वागत वक्तव्य से हुआ। अतिथियों ने के दीप रोशन कर प्रज्ज्वलन किया। महामंत्री अंकित जैन ने युवा जीतो द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का ब्योरा रखा। आयकर की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए खिंचा एंड कम्पनी के साझेदार नवीन ख़ारीवाल तथा जीएसटी की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए पीसी छाजेड एंड कम्पनी के साझेदार हरी किशन वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। जीतो बेंगलूरु के मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ बोहरा ने जानकारी दी कि सेमिनार में सम्बोधित करते हुए नवीन खारिवाल ने व्यापारियों को लेखा जोखा दुरस्त रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि व्यापार में पैसा कमाना महत्वपूर्ण होता है परंतु सरकारी प्रावधानों के अनुरूप लेखा-जोखा रखना उससे भी महत्वपूर्ण होता है। अब ऐसी व्यवस्थाएँ बन चुकी है कि एक बार वित्तीय वर्ष समापन पर लेखा-जोखा का समायोजन करने के पश्चात उसमें परिवर्तन करना मुश्किल हो जाता है। सेमिनार में उन्होंने वित्तीय वर्ष समापन पर लेखा-जोखा सम्बंधित महतवपूर्ण बिंदुओ की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की। हरी किशन ने जीएसटी क़ानून के अंतर्गत फ़र्ज़ी चालान एवं झूठी प्रविष्टियों मे लिप्त होने पर आने वाले दुष्परिणामों के बारे में आगाह किया। उन्होंने कहा कि अब व्यापार का काफी हद तक डिजीटलीकरण हो चुका है तथा सम्बंधित अधिकारी काफी सक्रिय रहते है अतः व्यापारिक लेन-देन क़ानून के अंतर्गत सजगता से होना चाहिए। सेमिनार में अनेक सजग व्यापारियों के साथ-साथ युवा जीतो संयोजक दिलीप जैन, बेंगलूरु जीतो के कार्यकारिणी सदस्य हितेश पालरेचा व सिद्धार्थ बोहरा भी उपस्थित थे। सेमिनार संयोजक धीरज बाफ़ना ने संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापित किया।