बीकानेर, 20 मार्च (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र [एनआरसीसी] में शनिवार को हाथ एवं मशीन से वयस्क ऊँटों के बाल कल्पन का प्रदर्शन विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण/प्रदर्शन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। केन्द्र के निदेशक डॉ आर्तबन्धु साहू ने बताया कि प्राकृतिक रेशे पर कन्सोर्शियम अनुसंधान नेटवर्किंग परियोजना के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण की खास बात यह रही कि एनआरसीसी द्वारा हाल ही माह जनवरी में केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के साथ ऊँट एवं भेड़ के दूध एवं बालों के सम्मिश्रण पर शोध हेतु हुए एमओयू किया गया। इजींनियरिंग ऑफ हाई वैल्यु टैक्सटाइल फ्रॉम ब्लेंडस् ऑफ वूल, कैमल, पशमीना एण्ड अंगोरा रैबिट विषयक इस परियोजना में केन्द्र की ओर से डॉ वेद प्रकाश एवं केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के डॉ अजय कुमार के समन्वय से यह कार्यक्रम संचालित किया गया। प्रशिक्षण में विद्युत संचालित उष्ट्र ऊन कल्पन मशीन का प्रदर्शन किया गया। प्रशिक्षण में 25 से अधिक ऊँट पालकों एवं किसानों ने सहभागिता निभाते हुए इसका लाभ उठाया। साहू ने एनआरसीसी में इस मशीन द्वारा ऊन कल्पन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि प्रशिक्षण के तहत ऊँट पालकों एवं किसानों के समक्ष मशीन द्वारा हाथ एवं मशीन से बाल कतराई में अंतर को प्रदर्शित करते हुए मशीन द्वारा ऊन कल्पन की सुगमता के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने मशीन की उपयोगिता एवं आवश्यकता के बारे में कहा कि मशीन द्वारा कतराई से प्राकृतिक रेशों की लम्बाई एवं गुणवत्ता पर विशेष प्रभाव पड़ता है साथ ही कम मेहनत एवं समय की बचत के अलावा बेहतर गुणवत्ता की ऊन प्राप्त की जा सकती है जिसकी बाजार में बेहतर कीमत प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि अब ऊँट पालन (ऊन) व्यवसाय से जुड़े किसान भाई एनआरसीसी में आकर हाथ एवं मशीनीकृत ऊन कल्पन की दोनों विधियों का तुलनात्मक आकलन कर यह जान सकेंगे कि ऊँट से प्राप्त ऊन की कीमत कम मिलने के पीछे प्रमुख कारण क्या है जो कि केन्द्र की इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भी है। प्रशिक्षण में डॉ सी पी स्वर्णकार, वैज्ञानिक के अलावा बीकानेर स्थित इस संस्थान के डॉ एच.के.नरूला, प्रभागाध्यक्ष एवं डॉ आशीष चोपड़ा, वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा एनआरसीसी के डॉ.आर.के.सावल, प्रधान वैज्ञानिक व अन्य वैज्ञानिकों ने भी सहभागिता की।
एनआरसीसी में विद्युत संचालित ऊन कल्पन मशीन का प्रदर्शन, किसान भाई होंगे लाभान्वित : डॉ. आर्तबन्धु साहू