हिन्दू राष्ट्र की आवाज बुलंद करने के लिए 'हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा' 7 फरवरी को, जाखोटिया ने दी जानकारी




जयपुर, 4 फरवरी (सीके मीडिया/छोटीकाशी)। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दू जनजागृति समिति अखंड कार्यरत है। धर्मशिक्षण, धर्मजागृति, धर्मरक्षण, राष्ट्ररक्षण और हिंदूसंगठन यह समिति के कार्य के पंचसूत्र है। इसके लिए समिति की ओर से अधिवेशन, धर्मशिक्षणवर्ग, व्याख्यान, आंदोलन, सभा की जाती है। हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा यह समिति के उपक्रम से जुडा महत्त्वपूर्ण सूत्र है। समिति के मध्यप्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक आनंद जाखोटिया ने गुरुवार को बताया कि हिन्दू राष्ट्र की आवाज बुलंद करने के लिए हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा ऑनलाईन 7 फरवरी को आयोजित की जाएगी। समिति की ओर से देशभर में अभी तक 1896 सभाएं हुई है और उस माध्यम से धर्माचरणी हिन्दुओं का कृतिशील संगठन निर्माण हो रहा है। इन सभाओं से सर्वप्रथम दिया गया धर्माधिष्ठित हिंदू राष्ट्र स्थापना का नारा अभी देशव्यापी हुआ है। यही नारा बुलंद करने के लिए समिति की ओर से 'ऑनलाइन हिन्दू राष्ट्र.जागृति सभा का' आयोजन किया गया है। कोरोना से निर्माण हुई प्रतिकूल परिस्थिती, समिती के धर्मप्रसार कार्य को प्रतिबंधित नही कर सकी। समिति ने इस काल में सोशल मीडिया के माध्यम से धर्मप्रसार का कार्य निरंतर शुरू रखा है ।  


हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाओं की आवश्यकता 


हिंदू जनजागृति समिति के राजस्थान एवं मध्यप्रदेश समन्वयक आनंद जाखोटिया के अनुसार वास्तविक रूप से सनातन हिंदू धर्म भारत की आत्मा है। जब देश में धर्म की प्रतिष्ठा थी, तब भारत अपने गौरव के चरम पर था। लेकिन मुगलों और अंग्रेजों जैसे विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत की ताकत को पहचानते हुए हिंदू धर्म पर हमला किया और भारतीयों को सनातन धर्म की आस्था से कैसे दूर किया जाए इस पर कृति की। स्वतंत्रता के उपरांत, वैसे तो देश के बहुसंख्याक हिन्दुओं की धार्मिक श्रद्धा, आस्था, धर्म-परंपरा का रक्षण होना चाहिए था। परंतु दुर्भाग्यवश वैसा नहीं हुआ। इसके विपरीत भारत के संविधान में असंवैधानिक पद्धति से 'धर्मनिरपेक्षता' और 'समाजवाद' यह शब्द डाले गए। भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए सामान्य हिंदू, हिंदुत्वनिष्ठ संगठन और संप्रदाय को एकत्रित करना, यही इस हिन्दू राष्ट्र.जागृति सभाओं का प्रमुख उद्देश्य है।