विदाई विहार से पूर्व गुरुद्वय का सत्कार कार्यक्रम आदर-सत्कार महायशस्वी भाव दर्शाते हैं : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी मसा

 







उज्जैन। विश्वविख्यात कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, सिद्धि सम्राट, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब के उज्जैन में 51 दिवसीय अतिथि पांच लाख कमल पुष्पों की साधना-आराधना व जाप शिविर पश्चात विदाई-विहार से पूर्व यहां शहनाई गार्डन में आदर सत्कार किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर के विद्वान पुजारी दिनेश गुरुजी के साथ महेंद्र कटियार, शांतिलाल आदि ने गुरुदेव श्रीजी का सत्कार किया। उन्होंने संतश्रीजी को बाबा महाकाल का शयन आरती का भोग-प्रसाद भेंटकर माल्यार्पण किया। इस दौरान राष्ट्रसंत श्रीजी द्वारा भी दिनेश गुरुजी का शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल भेंट कर आभार बहूमान किया गया। संतश्रीजी ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में बाबा महाकाल की अवंतिका नगरी उज्जैन में अपनी साधना को अति दिव्य, आनंददायक एवं लोक कल्याणकारी बताते हुए कहा कि स्कंद पुराण के मुताबिक काशी से भी 10 गुना पावरफुल, महिमाशाली फलप्रद है। उन्होंने उज्जैन के 84 महादेव वव64 योगिनियों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि साधक को सिद्धि चाहिए और यह सिद्ध तपोस्थली है। संतश्रीजी बोले, जो भी व्यक्ति श्रद्धापूर्वक किसी का आदर-सत्कार करता है वह हर दृष्टि से महान, धनवान, वेद वेदांग का पारदर्शी एवं तत्व का ज्ञाता होता है। संत श्रीजी ने कहा कि आदर-सत्कार की परंपरा यशस्वी भाव दर्शाते हैं। डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब ने दिनेश गुरुजी को आगामी 5 से 7 मार्च तक कृष्णगिरी में आयोजित श्री पार्श्व पद्मावती सिद्धि साधना शिविर हेतु भी आमंत्रित किया। इस अवसर पर अनेक गुरु भक्त मौजूद रहे।