डॉ. परमेंद्र सिरोही बोले ; बीकानेर में 450 बैड, 2200 ऑक्सीजन सिलेण्डर : रोगियों को फौरन मिले इलाज पर फोकस


 



 


बीकानेर, 03 दिसम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज न्यूज नेटवर्क)। राजस्थान के बीकानेर में कोविड-19 से राहत के आसार दिख रहे हैं। दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित रोगियों की रिपोर्ट ग्राफ में आश्चर्यजनक तौर पर गिरावट आ रही है। इसमें कोई शक नहीं कि शहर में वर्तमान में जमकर शादियों का सीजन है और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत व जिला परिषद के चुनाव के बावजूद अगर ग्राफ  नहीं बढ़ा और लोगों ने सतर्कता बराबर रखी, तो इस वैश्विक कोरोना बीमारी से जंग में जीत की ओर एक बड़ा कदम होगा। यह कहना है पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. परमेन्द्र सिरोही का। एक विशेष बातचीत में डॉ. सिरोही कोविड रोगी कम होने की बात तो मानते हैं लेकिन फिर भी वे यही कहते हैं कोरोना कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। सतर्क रहकर अपना और घर-परिवार का ख्याल रखें। बावजूद इसके डॉ. सिरोही हालातों को देखते हुए कोरोना को खत्म करने के लिए पुख्ता बंदोबस्तों को और मजबूत करने में दिन-रात जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर में वर्तमान में कोरोना मरीजों के लिए 450 बैड उपलब्ध है साथ ही 2200 ऑक्सीजन सिलेण्डर भी आ गए हैं। किसी भी तरह की परिस्थिति हो या गंभीर हालात में भी वे अधिकाधिक रोगियों को तुरंत इलाज, ऑक्सीजन, दवाईयां मिले इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट में जहां कमी आयी है वहीं भर्ती कोरोना पॉजिटिव रोगी की संख्या भी घट गयी है। एक सवाल के जवाब में डॉ. सिरोही ने यह भी बताया कि स्टाफ की कोई कमी नहीं, बैड और ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं है कुल मिलाकर सभी तरह की व्यवस्थाएं कोविड को लेकर ठीक है। इसलिए अब मर्दाना, जनाना, ट्रोमा सेंटर, कार्डियोलॉजी सहित अनेक विभागों में ध्यान देना शुरु कर दिया है। साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में डॉ. परमेंद्र सिरोही ने बताया कि उन्होंने एक विजन बनाया है। ठेकेदार, सुपरवाईजर, चौकीदार तीनों को बुलाकर कहा है कि अच्छी से अच्छी साफ-सफाई उन्हें चाहिए। इसी का नतीजा है कि पहले से सफाई व्यवस्था सुधरी है। आप वार्डवाईज दौरा करके देख सकते हैं। उन्होंने बार-बार यही कहा कि कोविड के अलावा भी कोई भी बीमार व्यक्ति या उसके परिवार के लोग यदि पीबीएम अस्पताल आएं तो अच्छे से अच्छा इलाज लेकिन खुश होकर रोगी जाए तो एक सुकून हमें मिलेगा, इसी दिशा में कार्य किया जा रहा है।