'वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किसान अधिक आय अर्जित करने के लिए उन्नत तकनीकों का समावेश करें खेती में'




बीकानेर, 25 दिसम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान द्वारा एक किसान सम्मेलन शुक्रवार को आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में बीकानेर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 300 किसानों ने भाग लिया। बतौर मुख्यातिथि जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल ने किसानों को संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इनके मार्गदर्शन में शुष्क बागवानी की उन्नत तकनीकों का समावेश अपनी खेती में करना चाहिए, जिससे अधिक आय अर्जित की जा सके। अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) पी.एल.सरोज ने किसानों से खेती में अधिक लाभ अर्जित करने के लिए शुष्क बागवानी की उन्नत तकनीकों के अनुसार फलदार पौधों की खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिनका लाभ लेने के लिए किसानों को आगे आना चाहिए। यह संस्थान किसानों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। संस्थान ने बेर, अनार, आंवला, खजूर, बीलपत्र, लसोड़ा आदि फलों एवं काचरी, काकडिय़ा, मतीरा, खेजड़ी, तोरई, टिण्डा सहित अनेक सब्जी फसलों पर उन्नत तकनीकों का विकास किया है। इन सभी शुष्क बागवानी फसलों पर संस्थान किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी देता है। सम्मानीय अतिथि के रुप में बोलते हुए संस्थान प्रबंधन समिति के सदस्य विजय आचार्य ने केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि किसानों के लिए सरकार द्वारा चलायी गयी योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। कृषि विभाग बीकानेर के संयुक्त निदेशक डॉ. उदयभान, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत, काजरी के विभागाध्यक्ष डॉ. एन.डी.यादव, संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. बी.डी.शर्मा, डॉ. धुरेंद्र सिंह, कोलासर गांव के पूर्व सरपंच रामदेव, आसु महाराज (उपाध्याय), घनश्याम उपाध्याय सहित अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम संयोजक प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.आर.मीना थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान सम्मान निधि जारी करने के अवसर पर दिए गए उद्बोधन का नई दिल्ली से सीधा प्रसारण कर उपस्थित किसानों को सुनाया भी गया।