भैरव अष्टमी जप-हवन शिविर की महापूर्णाहुति पर गुरु भक्तों का हुआ सम्मान / राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजय जी ने कहा संतो के संग से मिलता सत्संग का लाभ


 



 



 



 



 


 


 



 



 



 


"ओम जय भैरव जय कारा..."


 


उज्जैन। श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ धाम के पीठाधीपति राष्ट्रसंत, यतिवर्य, सर्वधर्म दिवाकर, परम पूज्य गुरुदेवश्री डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब की निश्रा में आठ दिवसीय भैरव अष्टमी पर्व शिविर हवन-यज्ञ में आहुतियों के साथ महापूर्णाहुति हुई। इससे पूर्व  शंख मुखी 27 शक्तिपीठों के दर्शन की एक भव्य गुफा का उद्घाटन जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने फीता खोलकर किया। देशभर के 27 शक्तिपीठों को पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा बनाया गया है। पंडित मेहता ने एक ही स्थान पर इन 27 शक्तिपीठों के अद्भुत दर्शनकार्य को अविस्मरणीय बताया। इसके बाद डॉ वसंतविजय जी द्वारा विभिन्न दुर्लभ मंत्रों के साथ श्रीनाकोड़ा भैरव देव 21 फिट की प्रतिमा की महाआरती की गई, जिसका लाभ गुरुभक्त श्वेता जैन ने लिया। वही गुरु पूजन का लाभ नासिक के गुरुभक्तों ज्योतिषाचार्य कैलाश जगताप व मंगेश ढाकराव ने लिया। नासिक के निरंजन अखाड़ा के महंत सोमेश्वर गिरी जी ने भी अपने विचार रखे। सभी लाभार्थी गुरुभक्तों का शॉल-माल्यार्पण व प्रसाद वितरण के साथ सम्मान किया गया। इस सत्कार कार्यक्रम में श्रीमती प्रमिला एस तलेरा, अजय कटारिया व किसलय चौधरी ने सहयोग किया। कार्यक्रम के समापन से पूर्व पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजय जी ने कहा कि संतों के संग से ही सत्संग का लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान, भक्ति, वैराग्य और संस्कार के साथ व्यक्ति का जीवन सफल हो सकता है। ऐसा श्रेष्ठ व्यक्ति अपने परिवार, समाज, देश और दुनिया में नाम रोशन करता है। सभी का आभार शैलेंद्र तलेरा व रितेश नाहर ने जताया।