मातृत्व और पद की जिम्मेदारी का अहसास..; प्रतिभा शास्त्री ने बीकानेर में सहकारिता विभाग में संभाला सहायक रजिस्ट्रार का पद


 


बीकानेर [ChhotiKashi]। राजस्थान विवि जयपुर के महारानी कॉलेज से स्नातक परीक्षा में विवि से गोल्ड मेडलिस्ट प्रतिभा शास्त्री ने यहां सहकारिता विभाग में सहायक रजिस्ट्रार का पद संभाल लिया। प्रतिभा शास्त्री पांच वर्ष पूर्व सन् 2015 में बैंकॉक में 16 वें विश्व संस्कृत सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व व पेपर प्रस्तुत कर चुकी है। आज जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार और डॉक्टरों की ओर से दिशा-निर्देश है कि वे कम से कम बाहर निकलें लेकिन प्रतिभा शास्त्री पूरी एहतियात बरतते हुए अपने फर्ज को भी निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वे अपने सवा साल के पुत्र के साथ इस समय अपने पद के दायित्व का निर्वाह बखूबी कर रही है। इससे पहले वे जयपुर में पोस्टेड थीं। राजस्थान राज्य के दौसा जिले की लालसोट तहसील के ग्राम तलावगाँव में एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाली प्रतिभा की प्रारंभिक शिक्षा गाँव में ही हुई। उनकी विद्यानिधि प्रकाशन, नई दिल्ली से वर्ष 2015 में 'धर्मसूत्रों में नागरिकों के कत्र्तव्य और अधिकार (आधुनिक परिप्रेक्ष्य में) नामक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है इसके अलावा उन्हें दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा वर्ष 2011 में संस्कृत प्रतिभा सम्मान पुरस्कार, वर्ष 2016 में राज्य स्तरीय संस्कृत युवा प्रतिभा पुरस्कार, जयपुर में वर्ष 2016 में सहकारिता मसाला मेला में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है। साथ ही दूरदर्शन-आकाशवाणी पर कार्यक्रमों के साथ अन्य पत्र-पत्रिकाओं में लेख भी प्रतिभा के प्रकाशित हो चुके हैं।  निश्चित ही आंचल में किलकारी मारता बच्चा जीवन के अनमोल पलों को जीता है। मां भी आने वाली हर मुसीबत से न केवल उसे बचाए रखती है बल्कि उसकी हर जरूरत का ख्याल रखती है। ऐसे में अपने कामकाजी जीवन की अत्यंत व्यस्त दिनचर्या से तारतम्य बिठाना कितना मुश्किल भरा हो सकता है, इसका अंदाजा भी प्रतिभा की प्रतिभा को देखकर लगाया जा सकता है।