बाहरी खतरे को नाकाम करने में BSF सक्षम :BSF DG Rakesh Asthana


 



 


बीकानेर, 14 अक्टूबर (ChhotiKashi)। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी व Border Security Force बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) BSF के Director General महानिदेशक (डीजी) DG राकेश अस्थाना Rakesh Asthana बीकानेर व श्रीगंगानगर से लगती India-Pakistan भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दो दिवसीय दौरा मंगलवार व बुधवार को किया। अस्थाना ने भ्रमण के दौरान सेक्टर मुख्यालय बीकानेर एवं 156 बटालियन की सीमा चौकी मजनू Majnoo पर सैनिक सम्मेलन में कहा कि किसी भी बाहरी खतरे को नाकाम करने में बीएसएफ सक्षम है, जो देश की प्रथम सुरक्षा पंक्ति है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्तमान में भारत-पाकिस्तान सीमा के हालात पर चर्चा की व बॉर्डर पर तैनात सीमा प्रहरियों से बातचीत करते हुए उनके द्वारा कठिन हालातों में मुस्तैदी से ड्यूटी करने पर उनकी हौसला अफजाई की तथा उनको अनुशासन व देशभक्ति के साथ सीमा सुरक्षा करने के लिए प्रेरित किया। डीजी पदग्रहण करने के पश्चात् राजस्थान से लगती भारत-पाकिस्तान सीमा के प्रथम दौरे पर पहुंचे अस्थाना ने स्थानीय लोगों से भी बातचीत कर सीमावर्ती इलाके के बारे में चर्चा की। सुधीर चौकी का दौरा करते हुए उन्होंने सर्वप्रथम 1971 की जंग के वीरचक्र विजेता शहीद सुधीर चौधरी (जिनके नाम पर सीमा चौकी का नाम सुधीर रखा गया) को पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। इससे पहले अस्थाना ने सीमा चौकी सांचू का भी दौरा कर वहां बने संग्रहालय का उद्घाटन कर संग्रहालय को आमजन के लिए समर्पित किया। 


ये है सीमा चौकी सांचू का इतिहास
सन् 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना व रेंजर्स ने सांचू पोस्ट पर कब्जा कर लिया था। जब जवाबी कार्रवाई में 3 आरएसी व 13 ग्रेनेडियर्स ने मिलकर इस इलाके में पाक सेना पर हमला किया, जमकर लड़ाई हुई और अंतत: 3 आरएसी व 13 ग्रेनेडियर्स की जीत हुई। इस जीत की खुशी में आज भी 3 आरएसी जो वर्तमान में 12 बटालियन सीमा सुरक्षा बल है, 30 अक्टूबर को विजय दिवस के रुप में मनाते हैं जो सांचू दिवस के रुप में भी जाना जाता है और इसी दिन सांचू सीमा चौकी की स्थापना हुई। सीमा चौकी सांचू स्थित संग्रहालय को सीमा दर्शन के रुप में विकसित किया गया है।