राजस्थान की राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन की भविष्यवाणी, 'सम्राट' बनेंगे अशोक..! 


 

गोल्ड मेडलिस्ट ज्योतिषाचार्य अनीश व्यास का एक्सक्लुसिव आंकलन

 

जयपुर। राजस्थान की राजनीति में पिछले दिनों आया भूचाल कहने को एकबारगी शांत हो गया है, मगर प्रदेश में निश्चित ही होगा नेतृत्व परिवर्तन, यही नहीं राज्य के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात गोल्ड मेडलिस्ट भविष्यवक्ता अनीश व्यास की भविष्यवाणी यह भी कहती है कि सीएम अशोक गहलोत को मिलेगी बड़े पद की जिम्मेदारी, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा, कॉंग्रेस की सरकार यथावत बनी रहेगी। कुल मिलाकर ज्योतिष आंकलन कहता है कि राजस्थान की राजनीति में तीन ग्रह गुरु, राहु और शनि मचाएंगे धूम। कराएगें नेतृत्व परिवर्तन और प्रदेश का कद तो बढ़ेगा ही हमारे नेता को भी मिलेगा बड़ा पद। यानी ज्योतिष आंकलन के अनुसार इसी वर्ष नवंबर-दिसंबर से पहले राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक के साथ साथ होगा नेतृत्व परिवर्तन भी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राजस्थान की राजनीति के एक दिग्गज नेता के जन्म के समय की अनेक ज्योतिषाचार्य एवं पंडितों के पास जानकारी सही नहीं है। विश्व विख्यात भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों के गजकेसरी योग है। गहलोत के दसवें भाव और सचिन के आठवें भाव में गजकेसरी योग बन रहा है। लेकिन सचिन के कालसर्प योग है और शेषनाग कालसर्प योग है।  कालसर्प अप्रत्याशित लाभ दिलाता है इसी कारण सचिन को उसके सहयोगी और दोस्तों के कारण लाभ मिलने की उम्मीद है।  सचिन के इस समय शनि की महादशा चल रही है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अशोक गहलोत राहु की दशा 18 साल से भोग रहे है। राहु भी इस कुंडली में स्वराशि के है और नवमांश में है। राहु ने इन्हें अति आत्मविश्वासी भी बना दिया और राहु ही इनको और आगे ऊंचाई पर लेकर जाएगा, लेकिन अगले 36 दिन अशोक गहलोत के लिए भारी है क्योंकि राहु की महादशा में गुरु की प्रत्यंतर दशा चल रही है और मीन राशि में मंगल है। विश्व विख्यात भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार 3 मई 1951 को प्रात:9:30 बजे जोधपुर में जन्मे गहलोत का जन्म मिथुन लग्न व मीन राशि में हुआ, लग्न 12 डिग्री पर अपने श्रेष्ठ अवस्था में है, अतः कोई निर्णय दिल से नहीं करते और निर्णय परिवर्तन आसानी से नहीं करते। इस कुंडली में 4 ग्रह स्वराशि के है तथा मंगल, गुरु, शुक्र, राहु और सूर्य उच्च के है।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने  यह भी बताया कि जन्म कुंडली में ग्रहों के फेर के कारण पहले भी सचिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे तथा वर्तमान परिदृश्य में भी यह कुर्सी उनके लिए दूरी बनाए हुए हैं। सचिन की कुंडली में उस समय राहु की महादशा ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर कर दिया था। इसके ठीक उलट ग्रहों के प्रबल योग ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री का पद दिला दिया था। आज स्थिति अलग है और सचिन के ग्रह इस समय अच्छे हैं और उन्हें लाभ का पद तो हालांकि जरूर मिलेगा। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार 7 सितंबर 1977 में दोपहर 12:00 बजे सहारनपुर में जन्मे सचिन पायलट के ग्रह निश्चित ही प्रबल है और शनि की महादशा चल रही है। नक्षत्रों ने हमेशा व्यक्ति के व्यक्तित्व पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है क्योंकि राजस्थान विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बावजूद भी कांग्रेस को मुख्यमंत्री चुनने में 3 दिन लग गए थे। उस समय दिसंबर महीने में ग्रह नक्षत्रों ने चार बदली और जिसका सीधा असर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर पड़ा था। इसका नतीजा यह हुआ कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बन गए और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा था।