धर्म, शास्त्रों व आयुर्वेदानुसार नारियल होता है शुभ : मिथिल पगारिया / उद्बुर पिंजरा पोल परिसर में लगाए नारियल के पेड़


 



 


मैसूरु। उद्बुर पिंजरा पोल में श्री सुमतिनाथ जैन संघ मैसूरु के ट्रस्टी बी. हंसराज पगारिया एवं उनके सुपुत्र मिथिल एच. पगारिया, और संजय एच. पगारिया परिवार के द्वारा परिसर में जगह-जगह नारियल के पेड़ लगाए गए। मिथिल एच. पगारिया ने बताया कि धर्म, शास्त्रों एवं आयुर्वेदानुसार नारियल को शुभ का माना गया है नारियल एक ऐसा प्रसिद्ध और लोकप्रिय फल है जिसे पूजा पाठ में चढ़ाया जाता है वेदानुसार नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष माना गया है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। नारियल के वृक्ष भारत में प्रमुख रूप से केरल, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में खूब उगते है। महाराष्ट्र में मुंबई तथा तटीय क्षेत्रों व गोआ में भी इसकी उपज होती है। नारियल में विटामिन, पोटैशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। संजय एच. पगारिया ने बताया कि नारियल क्रोहन्स डिजीज के इलाज के लिए एक रामबाण औषधि है। इस बीमारी में रोगी की आँतों में जलन, डायरिया, मल में रक्त आना, वजन कम होना आदि लक्षण होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार क्रोहन्स डिजीज के उपचार में प्रयोग किए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेराइड्स के समकक्ष नारियल में फाइटोस्टेराल्स नामक समूह तत्व होता है जो क्रोहन्स डिजीज में मुकाबला करता है। नारियल हमें मोटापे से भी बचाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क के भोजन में प्रतिदिन 15 मिग्रा जिंक होना जरूरी है जिससे मोटापे से बचा जा सके। ताजा नारियल में जिंक भरपूर मात्रा में होता है।