भारतीय रेल के निजीकरण, निगमीकरण के विरोध में बीकानेर मंडल के 125 स्टेशनों पर मशाल जुलूस निकाला!


 



 


बीकानेर, 18 सितम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। ऑल इंडिया रेलवे फैडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाईज यूनियन द्वारा भारतीय रेल के निजीकरण, निगमीकरण के विरोध में जनजागरण विरोध सप्ताह के पांचवे दिन शुक्रवार को विशाल मशाल जुलूस निकालकर लगातार विरोध प्रकट किया गया। सहायक मंडल मंत्री मनोज के. बिस्सा ने बताया कि रैली लालगढ़ ब्रांच यूनियन ऑफिस से प्रारंभ होकर रेलवे कॉलोनी, रेलवे हॉस्पिटल, लालगढ़ स्टेशन से होते हुए लालगढ़ यूनियन ऑफिस तक निकाली गयी। मंडल मंत्री अनिल व्यास के निर्देशन में बीकानेर मण्डल के लगभग 125 स्टेशनों पर मशाल जुलूस निकाला गया। मशाल जुलूस को सम्बोधित करते हुए सहायक मंडल मंत्री प्रताप सिंह ने निजीकरण के विरोध में हूंकार की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि रेल के निजीकरण करने के से इसका सीधा फायदा निजी उद्यमों को मिलेगा क्योंकि निजी उद्यमों का एकमात्र उद्देश्य लाभ कमाना होता है और रेलवे में लाभ कमाने का सबसे सरल तरीका किराए में वृद्धि है और यदि ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों पर पड़ेगा। कॉम.दिनेश सिंह ने लोगों से पीएम व रेल मंत्री के नाम प्राइवेट कंपनियों को रेल गाडिय़ों को नहीं सौंपने की अपील स्वयं करने की बात कही। शाखा सचिव बृजेश ओझा ने कहा कि वर्तमान सरकार के निजीकरण के फैसले से युवा वर्ग के रोजगार के सभी अवसर समाप्त हो जाएंगे क्योंकि आगे आने वाले तीन वर्षों तक स्थायी भर्ती नहीं की जाएगी। शाखा सचिव लालगढ़ गणेश वशिष्ठ ने बताया कि 19 सितम्बर को सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक पीएम व रेल मंत्री को रेलों के निजीकरण के विरुद्ध ट्वीट करना है व रात्रि में 10 मिनट के लिए रेल कर्मचारी व उनके परिवारजन घरों की लाइटें बंद कर ब्लैक आउट कर रेलों के निजीकरण के विरुद्ध रोष प्रदर्शित करेंगे। विजय श्रीमाली, मुश्ताक अली, पवन बीकानेरी, नवरतन शर्मा, लालचंद इनखिया, रामहंस मीणा, किसन रामावत, राजू गुर्जर, महावीर गुजर, भरत ओझा, शशिकांत परिहार, दयाशंकर, मोहम्मद सलीम कुरैषी, निरंजन आर्य, किशन गोदारा, नंदलाल सारण, जयदीप, राकेश कुमार कुमावात ने भी मशाल जुलूस में भाग लिया।