बीकानेर, 28 अगस्त। संभागीय आयुक्त भंवर लाल मेहरा ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग पाॅजिटिव रोगियों के उपचार के लिए तैयारियां रखे। जितने संसाधनों की जरूरत हो, उसकी प्लानिंग करे ताकि रोगी बढ़ने पर समुचित उपचार किया जा सके।
मेहरा ने शुक्रवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में कोविड-19 की प्रबंधन समीक्षा बैठक में कहा कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है। एक अच्छी टीम के रूप में कार्य करने पर सकारात्मक परिणाम मिलते है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी समझते हुए टीम भावना से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गंभीरता से कार्य करे। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में सामाजिक आयोजनों में भीड़ ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
मेहरा ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भविष्य में प्रशासन और चिकित्सा विभाग ने क्या प्लानिंग की है, उसकी जानकारी ली और निर्देश दिए कि पूरे संसाधन सहित सभी आवश्यक प्रबंधन कोविड-19 सेन्टर में होने चाहिए। उन्होंने पीबीएम अस्पताल के कोविड सेन्टर में उपचाराधीन रोगियों के बारे में फीडबैक लिया और निर्देश दिए कि वरिष्ठ चिकित्सक प्रतिदिन रोगियों को चैक करें, नियमित वार्ड की विजिट आवश्यक रूप से करे। वार्डों में साफ-सफाई हो यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जब कोरोना रोगी वार्ड में भर्ती हो जाता है, तो हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि उसका जीवन बचे। उन्होंने कहा कि भर्ती रोगी के उपचार में किसी भी स्तर पर बरती गई लापरवाही को बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
मेहरा ने कोविड अस्ताल के वार्ड, आईसीयू वार्ड और कोविड सेन्टर में बैड की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कहा कि जरूरत हो तो बैड की संख्या बढाई जाए। उन्होंने आॅक्सीजन बैड के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन रोगियों को होमआइसोलेट किया है, उनकी नियमित माॅनिटरिंग की जाए। ऐसे रोगी घर से बाहर नहीं निकले, इस संबंध में पुलिस और चिकित्सा विभाग अपनी जिम्मेदारी का गंभीरता से निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेट हुए रोगी की लापरवाही समाज पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को होम आइसोलेट किया है, उससे लिखित में लिया जाए कि वह घर में ही रहेगा। उन्होंने कहा कि पाॅजिटिव रोगी को 10 दिन तक निगरानी में रखा जाए। उन्होंने कहा कि जिन पाॅजिटिव रोगी का घर छोटा है, उन्हें कोविड सेन्टर में रखा जाए।
संभागीय आयुक्त ने जिले के सभी सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए कहा कि कार्यालयों में कोरोना एडवाइजरी की पालना होनी चाहिए। अगर कोई कार्मिक अथवा अधिकारी कोरोना पाॅजिटिव होता है या उसका परिवार को सदस्य पाॅजिटिव होता है, तो उन्हें आॅफिस ना बुलाया जाए। उन्होंने चिकित्सा, पुलिस और अन्य सरकारी कर्मचारी जो पाॅजिटिज से नेगेटिव हुए की भी जानकारी ली। मेहरा ने नगर निगम अधिकारी को निर्देशित किया कि बीकानेर शहर को साफ सुथरा रखे ताकि शहर में रोग ना फैले। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी तथा जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबंधक तथा जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी से कोरोना एडवाइजरी की पालना करवाने के संबंध में जानकारी ली और निर्देश दिए कि जो लोग बिना मास्क के घर से बाहर निकलते है, उन्हें समझाईस करें तथा समझाईस के बाद नहीं मानते है तो चालान काटे जाए। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को वाहन चैक करने और डीआईसी महाप्रबंधक को कारखाना और औद्योगिक संस्थानों का और मनरेगा कार्यो का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला कलक्टर नमित मेहता ने कोरोना की जांच नियमित की जा रही है। प्रतिदिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल काॅलेज तथा एरिया मजिस्ट्रेट से कोरोना का फीडबैक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे है। उन्होंने बताया कि कोविड सेन्टर में आक्सीजन बैड अभी 150 है और उसे बढ़ाकर 250 किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन शाम 8 बजे से सुबह 6 बजे तक शहर मंे निषेधाज्ञा जारी है। साथ ही प्रत्येक शनिवार को शाम 6 बजे से सोमवार की सुबह 6 बजे तक निषेधाज्ञा लगाई गई है। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक प्रहलाद कृष्णिया ने जिले में अब तक 36 पुलिस कर्मी संक्रमित हुए हैं तथा कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र में 462 पुलिस कर्मी लगे है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में 175 होमगार्डस तैनात है। उन्होंने बताया कि कोरोना एडवाइजरी की पालना नहीं करने पर चालान काटते हुए जुर्माना लगाया गया हैं।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.बी.एल.मीना ने बताया कि जिले में कुल 1 लाख 17 हजार 669 लोगों की कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिए गए है। इनमें 4 हजार 522 पाॅजिटिव केस मिले। इनमें से नेगेटिव हुए लोगों की संख्या 3463 है। उन्होंने बताया कि अब तक 81 लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई है। जिला महामारी विशेषज्ञ नीलम प्रताप सिंह ने बताया कि माह अगस्त 2490 पाॅजिटिव केस मिले है। इस दौरान 50 हजार 726 नमूने जांच के लिए संग्रहित किए गए और अगस्त माह में 34 कोरोना रोगी की मृत्यु हुई। उन्होंने बताया कि अगस्त में रिक्वरी रेट 78.67 प्रतिशत रही, जबकि ओवरआॅल रिक्वरी रेट 76.71 प्रतिशत है और 1.79 प्रतिशत मृत्युदर रही। डाॅ.सुरेन्द्र वर्मा ने पीबीएम कोविड सेन्टर में पाॅजिटिव भर्ती रोगी और ठीक होकर घर लौटे रोगियों की जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त इंदिवर दुबे, प्राचार्य मेडिकल काॅलेज डाॅ. एस.एस.रौठाड़, एडीएम सिटी सुनीता चैधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद नरेन्द्र पाल सिंह, प्रशिक्षु आईएएस कनिष्क कटारिया, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक पवन कुमार, उप खण्ड अधिकारी मीनू वर्मा, अधीक्षक पीबीएम डाॅ. मोहम्मद सलीम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.बी.एल.मीना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।