आचार्य महाप्रज्ञ का कविता ग्रंथ विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हुआ 



बेंगलुरु। तेरापंथ धर्मसंघ के दशमाचार्य आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में महाप्रज्ञजी के जीवन पर आधारित 1121 लोगों द्वारा लिखित कविताओं के संकलन महाप्रज्ञ को ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन में रिकॉर्ड के लिए भेजा गया, इसके साथ ही इसे गोल्डन बुक ऑफ़ रिकॉर्ड सुप्रीम वर्ल्ड रिकॉर्ड आदि 27 राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। समस्त जैन समाज के लिए यह हर्ष का विषय है। अहिंसा प्रणेता आचार्य महाप्रज्ञजी के जन्म शताब्दी वर्ष ज्ञान चेतना वर्ष के रूप में मनाया गया। इसी श्रृंखला में यह प्रयास भी एक ऐतिहासिक कड़ी के रूप में जुड़ गया। इस संकलन में विजयनगर-बेंगलुरु की पूर्व महिला मंडल की मंत्री सुजानगढ निवासी निर्मल-सज्जन बोकडिया की पुत्री एवं मोमासर निवासी बेंगलुरु प्रवासी कुन्दनमल-सरोज पटावरी की पुत्रवधू श्रीमती महिमा पवन पटावरी की कविता चयनित की गई। इसके लिए श्रीमती महिमा पटावरी को “द ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड“ लंदन की ओर से उन्हें सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया है।