हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा प्रविष्ट पुनर्विचार याचिका को सफलता, श्री जगन्नाथ मंदिर रथयात्रा को अनुमति


जयपुर, 22 जून (छोटीकाशी डॉट पेज)। उड़ीसा के पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा संसार में विख्यात यात्रा है। यह रथयात्रा कुछ शतकों से चल रही है तथा उसका एक बड़ा इतिहास है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर इस यात्रा का आयोजन 18 जून को स्थगित कर दिया था। तदुपरांत हिन्दू जनजागृति समिति ने निर्णय में परिवर्तन की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका प्रविष्ट की थी। समिति ने इस याचिका द्वारा कहा था कि 'सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेन्सिंग) बनाते हुए यह रथयात्रा आयोजित की जा सकती है तथा इस यात्रा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाना अन्याय है। अन्य याचिकाकर्ताओं ने भी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में परिवर्तन करने हेतु याचिका प्रविष्ट की थी। समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने बताया कि उक्त पुनर्विचार याचिका और केंद्र तथा ओडीशा सरकारों द्वारा प्रस्तुत मतों का विचार करते हुए माननीय न्यायालय ने श्री जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा को 22 जून को अनुमति दे दी है। हिन्दू विधिज्ञ परिषद तथा सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष झा ने लाखों भक्तों की ओर से इस प्रकरण में संघर्ष किया था।