अहिंसा योग व मेडिटेशन सेंटर द्वारा “सभी के लिए योग“ वेब सेमिनार का आयोजन



ध्यान व योग के प्रयोगों से प्रतिरोधात्मक क्षमता का विकास संभव : आचार्य लोकेशजी


नई दिल्ली। अहिंसा योग व मेडिटेशन सेंटर द्वारा आयोजित योगा फॉर ऑल वेब सेमिनार का मंगल पाठ से शुभारंभ करते हुए अहिंसा विश्व भारती संस्थापक आचार्यश्री डॉक्टर लोकेश मुनिजी ने कहा कि योग वास्तव में एक सार्वभौम विश्व मानव धर्म है योग की दृष्टि में धर्म एक विज्ञान है किंतु योग को किसी धर्म विशेष से ना जोड़ते हुए उसका अध्ययन करेंगे तो हम पाएंगे की हम धार्मिक अंग का ही पठन-पाठन कर रहे हैं और अपनी आस्था एवं धार्मिक भावनाओं को मानव जाति के कल्याण व उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। यह प्रमाणित तथ्य हैं कि ध्यान व योग के प्रयोगों से प्रतिरोधात्मक क्षमता का विकास संभव हैं। आचार्यश्री ने यह भी कहा कि योग चित्त शुद्धि का मार्ग है अर्थात स्थूलता से सूक्ष्मता की ओर जाना तथा बहिरात्मा से अंतरात्मा की ओर जाना ही योग है। साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को जागरूक रहने और मंगल स्वास्थ्य की कामना भी की।
अहिंसा योग व मेडिटेशन सेंटर के योग शिक्षक योगाचार्य कुंदन ने योग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग हमें शारीरिक संपन्नता के साथ मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है। योग निद्रा एवं ध्यान के द्वारा हम अपनी स्मृति क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं। वे बोले, योग हमारी कार्यकुशलता एवं कार्यक्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करता है साथ ही हमारे शरीर के पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र एवं परिसंचरण तंत्र को भी क्रियाशील बनाता है। उन्होंने वेब सेमिनार में जुड़े लोगों के प्रश्नों के उत्तर देने के साथ आसन, प्राणायाम व ध्यान का भी अभ्यास कराया।
योगा फॉर ऑल वेब सेमिनार मे राजीव मिश्रा, तारकेशवरी मिश्रा, सोहन गिरि, सुमिता मालिक, विदुषी मालिक, विनीत, शिवि पुंडीर, हर्षवर्धन, अनीता, विमलजी, वरुण, रीताजी, संतोष अरोरा व साहिल जैन जैसे कई योगाभ्यासियों ने सक्रियता से भाग लेकर योगाभ्यास किया।