कोरोना वायरस #  ये कैसा दौर आया है..?


 



ये कैसा दौर आया है,
नजदीकियां सजा बन गई है।।
ये कैसा दौर आया है,
 दूरियां दवा बन गई है।।
ये कैसा दौर आया है,
विदेश से आया यार ,
अछूत सा लगता है।।
ये कैसा दौर आया है,
गले लगने वाला साथी,
यमदूत सा लगता है।।
ये कैसा दौर आया है,
मंजिलो से मिलाने वाले साधन,
सब अपने अड्डो पर रुक गए है।।
हवा से बाते करते विमान,
धरती पर झुक गए है।
ये कैसा दौर आया जब,
सब डर कर जी रहे है,
पुरानी यादों के घूँट,
घुट-घुट कर पी रहे है।।
एक अदद जीवाणु ने मनुष्य को,
उसकी औकात बताई है।
पानी के बुलबुले सी है जिंदगी।
सबको यह बात समझाई है।।
प्रकृति के खिलाफ चलने की,
 हम सबने सजा पाई है।।


।।सज्जन कुमार शर्मा।।
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