कश्मीरी पंडितों की भावनाओं से खिलवाड़, बॉलीवुड फिल्म ‘शिकारा’ के बहिष्कार का निर्णय


बीकानेर, (छोटीकाशी डॉट कॉम ब्यूरो)। विधु विनोद चौपड़ा निर्देशित फिल्म शिकारा का हिन्दू जनजागृति समिति ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। समिति के राजस्थान व मध्यप्रदेश समन्वयक आनंद जाखोटिया, समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि अभी-अभी फिल्म शिकारा का प्रमोशन प्रदर्शित हुआ है जो कश्मीरी हिन्दूओं के जीवन पर आधारित फिल्म बतायी गयी लेकिन जब पोस्टर पर ‘शिकारा-द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित’ के बाद प्रदर्शित पोस्टर में बदलकर ‘शिकारा-द टाइमलेस लव स्टोरी इन द वस्र्ट ऑफ टाइम’ कर दिया गया है। जाखोटिया ने कहा कि प्रदर्शित फिल्म प्रमोशन में जो भी बताया गया है वह पूर्णत: झूठा प्रदर्शित किया जा रहा है। जबकि कश्मीरी हिन्दू स्त्रियों पर बलात्कार हुआ ही नहीं, हाथ की उंगलियों पर गिने जाने वाले कश्मीरी हिन्दू ही यहां मारे गए, एक भी मंदिर धर्मांध मुसलमानों ने नहीं तोड़ा। समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि फिल्म में हजारों कश्मीरी हिन्दुओं की क्रूर हत्या, सैकडों कश्मीरी हिन्दू माता-बहनों पर बलात्कार, हजारों मंदिरों का विध्वंस तथा कुल 4.5 लाख कश्मीरी हिन्दुओं का विस्थापन, इतना भयंकर और रक्तरंजित इतिहास छिपाने का अश्‍लाघ्य प्रयत्न निर्माता विधु विनोद चोपडा ने किया है। जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। कश्मीरी हिन्दुओं के घाव पर औषधि लगाने के स्थान पर, 30 वर्ष पुराने घावों को खोदकर पुन: एक बार उस पर नमक छिड़का गया है। इसलिए इस फिल्म ‘शिकारा’ का हिन्दू जनजागृति समिति बहिष्कार कर रही है। शिंदे ने कहा कि फिल्म की पहली झलक में लगा था कि इस फिल्म के माध्यम से पहली बार कोई कश्मीरी हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों की ओर ध्यान दे रहा है। लेकिन फिल्म में मुसलमानों का भाईचारा, भारतद्वेष और कश्मीरी हिन्दुओं को पुन: कश्मीर लौटने की आशा न दिखाना, यह अत्यंत अनुचित भूमिका इसमें दिखती है । यह एक प्रकार से कश्मीरी हिन्दुओं पर मानसिक अत्याचार करना है। इस गलती को भारतीय समाज कभी भी क्षमा नहीं करेगा। अतएव विधु विनोद चोपडा की इस मूवी का बहिष्कार करें।