भारत सरकार के बजट प्रस्ताव का विरोध कर बीमाकर्मियों की वॉकआउट हड़ताल में जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन


बीकानेर, 4 फरवरी। भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों, विकास अधिकारियों एवं अंिभकर्ताओं के संगठन क्रमश: एल.आई.सी. प्रथम श्रेणी अधिकारी संगठन, नेशनल फैडरेशन ऑफ इन्श्योरेन्स फीड वर्कर्स, ऑल इण्डिया इन्श्योरेन्स एम्पलॉइज एसोसियेशन, वैलफेयर एसोसियेशन ऑफ एल.आई.सी. एस.सी./एस.टी./बुद्धिस्ट कर्मचारी/अधिकारी संगठन और पेंशनर्स एसोसियेशन, बीमा अभिकर्ताओं के अखिल भारतीय संगठन लियाफी के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय जीवन बीमा निगम के समस्त अधिकारियों, विकास अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अभिकर्ताओं ने भारत सरकार के बजट प्रस्ताव में  एल.आई.सी. को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करने और पब्लिक ऑफरिंग के माध्यम से अपने हिस्से के शेयर बेचने के विरोध में देशभर के निगम कार्यालयों के समक्ष मंगलवार को एक घण्टे की वॉकऑउट हडताल कर सरकार के इस कदम का घोर विरोध करते हुए जोरदार नारेबाजी के साथ शानदार प्रदर्शन किया। बी.पी. सिंह चौहान, विनोद माथुर, राहुल जायसवाल, एम.एल. बिन्दल, लक्ष्मण मण्डाल, सी.एल. शर्मा ने संयुक्त रुप से बताया कि निगम के सभी ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त मोर्चे के तत्वाधान में अधिकारियों, कर्मचारियों, विकास अधिकारियों एवं अभिकर्ताओं ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया हैं। आज शत-प्रतिशत सरकारी नियंत्रण वाली एल.आई.सी. आमजन की छोटी-छोटी बचतों को इक_ा कर देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान देती आ रही हैैं। सन् 1956 में अपनी स्थापना से ही एल.आई.सी. ने करोडों भारतीयों का विश्वास और ख्याति अर्जित कर कई माईलस्टोन को पार किया हैं। एल.आई.सी. ने जीवन बीमा व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए कई रिकार्ड दर्ज करवाये हैं। उन्होंने बताया कि सन् 1956 में 5 करोड रू. के बीमाधन से अपनी शुरूआत करते हुए आज एल.आई.सी. 31 लाख करोड की विशाल परिसम्पितियों की मालिक हैं। एल.आई.सी. का 31 मार्च 2019 को कुल लाईफ  फण्ड रू. 28.28 लाख करोड हैं। गत दो दशकों से विभिन्न निजी बीमा कम्पनियों के साथ प्रतिस्पद्र्धा के बावजूद एल.आई.सी. के पास आज 73 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी कायम हैं। एल.आई.सी. को गर्व हैं कि उसने भारत सरकार के कुल बजट प्रयासों में 25 प्रतिशत से अधिक का सहयोग प्रदान किया हैं। एल.आई.सी. ने 5 करोड. रू. के शुरूआती अंशदान जो कि सन् 2011 में 100 करोड हो गया के बदले में हाल ही में भारत सरकार को 2611 करोड रू. का डिविडेंड का भुगतान किया हैं। यहॉं यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि एल.आई.सी. ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक कुल 26,005 करोड रू. का डिविडेेड भारत सरकार को दिया हैं। इस प्रकार एल.आई.सी. ने भारत की सुनिनियोचित विकास परियोजनाओं में उल्लेखनीय योगदान प्रदान किया हैं। निश्चित रूप से एल.आई.सी. में सरकारी हिस्सेदारी बेचने और इसके डिसइन्वेस्टमेंट का भारत सरकार के वित्तीय संसाधनों के प्रबन्धन और आमजन की छोटी-छोटी बचतों पर विपरीतगामी असर पडेगा। सरकार का यह कदम ठीक वैसा ही हैं जैसे कि रोज सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी को हलाल कर एक ही दिन में सारे अण्डे निकालने के प्रयास किये जाये।