पंक्तिबद्ध साधु-साध्वियों ने दोहराई मर्यादाएं....
बीकानेर, 13 जून। बीकानेर शहर के मध्य स्थित कोचरों के चौक में मंगलवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में आयोजित मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में लोगों की विराट उपस्थिति के बीच चतुर्दशी तिथि होने के कारण तेरापंथ की हाजरी वाचन की प्रक्रिया इस तरह समायोजित हुई कि उपस्थित श्रद्धालुओं व जनता के मुख से निकल पड़ा कि आज तो बीकानेर में अनायास ही मर्यादा महोत्सव-सा दृश्य उत्पन्न हो गया। बीकानेर प्रवास के दूसरे दिन आचार्यश्री का मुख्य प्रवचन कार्यक्रम कोचरों के चौक में आयोजित हुआ। उमड़े श्रद्धालुओं के अपार हुजूम के कारण चौक ही नहीं, उसके आसपास की गलियां और घरों के झरोखे आदि भी जनाकीर्ण बने हुए थे। साथ चतुर्दशी तिथि होने के कारण तेरापंथ की परंपरानुसार हाजरी वाचन के लिए गुरुकुलवासी चारित्रात्माओं की उपस्थिति प्रायः थी। मुख्य मंगल प्रवचन कार्यक्रम में आचार्यश्री ने चतुर्विध धर्मसंघ को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि अल्प लाभ के लिए ज्यादा गंवा देना मूढ़ता की बात होती है। साधु के पास पांच महाव्रत रूपी अमूल्य हीरे होते हैं और यदि कोई साधुपने को छोड़ने की बात सोच भी ले तो वह अल्प लाभ के लिए अधिक को गंवाने वाली बात हो जाती है। इसी प्रकार कोई गृहस्थ कुछ पैसों के लिए यदि ईमानदारी का त्याग कर ठगी, बेइमानी और झूठ का सहारा लेता है तो वह भी ईमानदारी रूपी अमूल्य निधि को मानों थोड़े से धन के लिए गंवा देता है। साधु को तो अपने संयम रूपी रत्न की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री ने मर्यादा पत्र का वाचन करते हुए साधु-साध्वियों को अनेक प्रेरणाएं प्रदान कीं। इस अवसर पर तेरापंथी सभा बीकानेर के मंत्री सुरेश बैद, तेरापंथ युवक परिषद की ओर से भरत नौलखा, सुरपत बोथरा, कोचर मोहल्ला की ओर से जितेन्द्र कोचर, जन मंगल ट्रस्ट की ओर से विजयचंद कोचर, रतन नेत्र ज्योति संस्थान की ओर से बाबूलाल महात्मा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मण्डल, संजय बैद, प्रवीण सेठिया, सुमन और उनकी टीम ने पृथक्-पृथक् गीत के माध्यम से पूज्यचरणों में अपनी भावांजलि अर्पित की। जसराज सेखाणी के 99वें जन्मदिन के अवसर पर आचार्यश्री ने उनके प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना की।