युद्ध से नहीं, संवाद के द्वारा रूस व यूक्रेन समस्या का समाधान खोजें : जैनाचार्य लोकेशजी
यूक्रेन व रूस के विवाद को सुलझाने में प्रधानमंत्री मोदी प्रभावी भूमिका निभाएँ : डॉ वैदिक
नई दिल्ली। गांधी मंडेला फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एवं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक विश्व शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी के नेतृत्व में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने की मांग को लेकर नई दिल्ली में "शांति मार्च" का आयोजन किया गया। "शांति मार्च" तीस जनवरी मार्ग से शुरू होकर जंतर-मंतर पर जाकर संपन्न हुआ। जहां पर सभा का आयोजन हुआ जिसमें वरिष्ठ पत्रकार डॉ वेद प्रताप वैदिक, बौद्ध भिक्षु सुमेधाजी, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्विद्यालय के कुलाधिपति फिरोज़ बख़्त अहमद, वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व सांसद संतोष भारतीय, गांधी मंडेला फाउंडेशन के जनरल सेक्रेटरी नंदन झा, आरोग्य पीठ के संस्थापक आचार्य राम गोपाल दीक्षित, संजय जैन, अमित नागर, प्रेम प्रकाश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में छात्र, अध्यापक, शांति कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इस अवसर पर शांति मार्च के आयोजकों में गांधी मंडेला फाउंडेशन के उपाध्यक्ष आचार्य लोकेशजी, सलाहकार वेद प्रताप वैदिक व अन्य ने मानवता की अंतरात्मा को जगाने एवं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की तत्काल समाप्ति का आह्वान करते हुए एक सुर में कहा कि मानवता आज रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की गवाह है जिसने वैश्विक शांति के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
विश्व शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी ने कहां कि हिंसा, युद्ध, आतंक किसी समस्या का समाधान नहीं है, हिंसा प्रतिहिंसा को जन्म देती है। मौजूदा समय में भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी व नेल्सन मंडेला की अहिंसा, शांति व सद्भावना की राह और अधिक प्रासंगिक हो गई है जिसमें सभी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि संवाद, वार्ता व बातचीत से सभी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। युद्ध से नहीं, संवाद के द्वारा रूस व यूक्रेन समस्या का समाधान खोजें। गांधी मंडेला फाउंडेशन के सलाहकार एवं वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने कहा कि आज रूस द्वारा यूक्रेन पर हिंसा व आक्रामक व्यवहार की पूरे विश्व में आलोचना हो रही है। उन्होंने कहा कि मानवता के नाते विश्व के अन्य सभी देशों की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह यूक्रेन की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून की रक्षा के लिए रूस को संवाद व वार्ता के पटल पर लेकर आएं। उन्होने कहा कि विवाद को सुलझाने में प्रधानमंत्री मोदी प्रभावी भूमिका निभाएँ।
बौद्ध भिक्षु सुमेधाजी ने कहा कि भगवान महावीर ने जियो और जीने दो का सिद्धान्त दिया था उसके बाद गौतम बुद्ध ने उसी सिद्धान्त को आगे बढ़ाया था जिसकी आज पूरे विश्व को सर्वाधिक आवश्यकता है।
वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने कहा कि अहिंसा ही समाज में स्थायित्व लाती है और अंततः जीतती भी वही है गांधी लिखते भी हैं ‘हिंसा की सीमा है, लेकिन अहिंसा की कोई सीमा नहीं है और इसीलिए यह अपराजेय है। उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों को आपस में बात करके युद्ध को समाप्ति की ओर ले जाना ही विश्व शांति के लिए बेहतर कदम साबित होगा।
गांधी मंडेला फाउंडेशन के जनरल सेक्रेटरी नंदन झा ने कहा कि रूस और यूक्रेन के युद्ध में संयुक्त राष्ट्र संघ को हस्तक्षेप करके अपनी भूमिका निभानी चाहिए एवं दोनों ही देशों को सकारात्मक रूप से वार्ता के पटल पर लाना सार्थक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर युद्ध का शिकार हुए भारत के मेडिकल छात्र नवीन के प्रति अपने श्रद्धा सुमन भी अर्पित किया। आयोजकों के साथ छात्र, अध्यापक, शांति कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर शांति मार्च में शामिल हुए एवं रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध की तत्काल समाप्ति का आह्वान किया।