विश्व मृदा दिवस : किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड और न्यूट्री किचन गार्डन योजना के तहत मौसमी सब्जियों के बीज भी वितरित







 

CK NEWS/CHHOTIKASHI बीकानेर, 5 दिसम्बर. विश्व मृदा दिवस के अवसर पर शनिवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत गोद लिए गांव कावनी गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभा को संबोधित करते हुए प्रो सिंह ने बताया कि लोगों के बीच, मृदा-स्वास्थ्य के महत्व के बारे जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है।  उन्होंने उच्च उत्पादकता के लिए स्वस्थ मिट्टी को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला। इस वर्ष विश्व मृदा दिवस की थीम का विषय "मिट्टी की लवणता को रोकना और मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ाना है।

इस दौरान कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए तथा इसकी आवश्यकता के बारे में बताया प्रो. सिंह ने कहा कि मृदा के स्वास्थ्य का प्रबंधन अनिवार्य है यह मृदा की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के लिए साथ उत्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता से भी जुड़ा विषय है उन्होंने जीवांश को  नेता का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया तथा कहा कि पोषण तत्वों के संतुलन से ही किसान को आशातीत लाभ मिल सकता है साथ ही रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग पर चिंता जताई तथा कहा कि किसान विश्वविद्यालय द्वारा बताई गई तकनीकों को अपनाएं इससे उन्हें लाभ होगा। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य प्राप्ति में मदद मिलेगी।

प्रसार निदेशक डॉ सुभाष चंद्र ने कम पानी वाली फसलें लेने का आह्वान किया तथा बूंद-बूंद पानी बचाना आज की सर्वोच्च आवश्यकता है। इस अवसर पर माननीय कुलपति द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं कॉवनी गांव की 20 प्रगतिशल कास्तकार महिलाओं को न्यूट्री किचन गार्डन योजना के तहत मौसमी सब्जियों के बीज भी वितरित किये । अनुसंधान निदेशक डॉ पी एस शेखावत ने चने की खेती पर चर्चा करते हुए नई किस्मों व मृदा की महत्ता एवं समय पर कार्य बुवाई निराई गुड़ाई की उपयोगिता समझाई।  किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो इसके लिए वैज्ञानिक सतत अनुसंधान में जुटे हैं किसान इन तकनीकों को समझें और अपनाएं। इस अवसर पर डॉ. शीशराम यादव, क्षेत्रिय निदेशक अनुसंधान ने मृदा के नमुने लेने की विधि की जानकारी दी एवं डॉ. दूर्गा सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया की गोद लिये गॉव ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बीछवाल द्वारा विगत् एक वर्ष से कृषि विकास की विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है जिससे गॉव का कृषि विकास हो सके। इस दौरान लगभग 100 महिलाएं, किसान ग्रामीण सहित उपनिदेशक डॉ. आर के वर्मा, डॉ दुर्गा सिंह  मौजूद रहे।  कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुशील ने किया।