'संत की कृपा, कथा श्रवण के पुण्य एवं शिव नाम से मुक्ति संभव'













पाप, ताप एवं संताप मिटाती है शिव महापुराण : डॉ. वसंतविजयजी म.सा.


-ओरंगपुरा गांव के बुंदेलखंड की ढाणी में सप्तदिवसीय शिव महापुराण कथा का वाचन शुरु


-पंडित नरोत्तम शास्त्री के मुखारविंद से हो रहे आयोजन का लाईव थॉट योगा यू ट्यूब चैनल पर


इंदौर। भक्ति की तरंग व्यक्ति का कल्याण करती है। शिव एवं शिव की शक्ति की समझ दोनों अलग-अलग है। इसे जानने, समझने के लिए कथा श्रवण जरुरी है। यह कहा कृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंत विजय जी म.सा. ने। संतश्रीजी रविवार को यहां धार रोड़ पर ओरंगपुरा गांव स्थित बुंदेलखंड की ढाणी में भव्य शिव महापुराण कथा के पहले दिन अपना प्रवचन दे रहे थे। संगीतमय कथावाचन वृंदावन धाम के पंडित नरोत्तम शास्त्रीजी के मुखारविंद से प्रारंभ हुई। जिसके तहत उन्होंने महाशिवपुराण कथा के बारे में पहले दिन विस्तृत जानकारी दी। पूज्य डॉ. वसंतविजय जी म.सा. ने इस अवसर पर कहा कि उनकी अतिदिव्य साधना के साथ भक्ति व आराधना के क्रम में अनेक श्रद्धालू लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि संत की कृपा, कथा श्रवण का पुण्य व शिव नाम से ही मुक्ति संभव है। शिव महापुराण व्यक्ति के पाप, ताप व संताप मिटाती है। संतश्रीजी बोले कि भक्ति मीरा जैसी करें, श्रीकृष्ण को प्रकट होते देर नहीं लगेगी। इससे पूर्व पंडित शास्त्रीजी ने कथा श्रवण से होने वाले लाभ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान की कथा अमृत से भी मीठी होती है। इसके श्रवण के लिए व्यक्ति का तन, मन और वाणी का पवित्र होना आवश्यक है। कथा श्रवण से व्यक्ति में सदाचार एवं विवेक का गुण आता है। शिव कथा को माया व मोह मिटाने वाली बताते हुए कथावाचक पं. शास्त्रीजी ने कहा कि संत के सानिध्यरुपी क्षण व अन्न के कण को कभी व्यर्थ जाने नहीं देना चाहिए। इससे पूर्व ओरंगपुरा गांव के मुखिया प्रवीण पटेल ने शिव महापुराण पोथी के साथ कथा स्थल पर जुलूस एवं गाजे-बाजे के साथ प्रवेश किया। गांव के विभिन्न मोहल्लों से होते हुए कलश एवं रथयात्रा निकाली गयी, जिसमें पारम्परिक वेशभूषा में सजी-धजी महिलाओं ने कलश धारण किए हुए बड़ी संख्या में भाग लिया। आयोजन से जुड़े अभय बागरेचा ने बताया कि इस दौरान मुखिया पटेल एवं कथावाचक पं. शास्त्रीजी का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम की विभिन्न व्यवस्थाओं में रीतेश मोदी, रोहित धाकड़, राकेश जैन, विपिन पगारिया, सतीश डोसी, जितेंद्र नागर सहित अनेकजनों ने सहयोग किया। कथा श्रवण करने वाले 5 श्रद्धालूओं को लक्की ड्रा के माध्यम से पुरस्कृत भी किया गया। आरती व प्रसाद भंडारे के साथ हुए आयोजन में बड़ी संख्या में विभिन्न गांव के अनेक ग्रामीण परिवारों ने भाग लिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजय जी म.सा. के अधिकृत यू ट्यूब चैनल 'थॉट योगा' पर किया गया। कथा प्रतिदिन 1 बजे से 4 बजे तक तथा इसके बाद विशाल प्रसाद भंडारा 1 जनवरी तक सुचारु रुप से जारी रहेगा।