श्रद्धा पूर्वक करें मां की भक्ति, मिलेगा सुख-समृद्धि और शक्ति : आचार्यश्री श्रीनिवास श्रीमाली / श्री सिद्धेश्वर तीर्थ तिरुपति में श्री नवरात्रि महामहोत्सव का विसर्जन के साथ समापन














ब्रह्मऋषि आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सांखला ने दी जानकारी 


तिरुपति। मां की भक्ति करने पर मिलती है सुख, समृद्धि और शक्ति, विपदाओं व दुख संकटों का होता है खात्मा। इसके लिए पूर्ण निष्ठा से श्रद्धा पूर्वक भक्ति की जानी चाहिए। यह कहा यहां श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रम्हऋषि आश्रम के विद्वान आचार्यश्री श्रीनिवासजी श्रीमाली ने। आश्रम में श्री सिद्धेश्वर  ब्रम्हऋषि गुरुदेव गुरुवानंदजी स्वामी के दिव्य आशीर्वाद से श्री नवरात्रि महामहोत्सव-2021 के समापन अवसर पर विसर्जन कार्यक्रम से पूर्व संगीतमय भक्ति आयोजन में बोल रहे थे। उन्होंने इस दौरान अनेक दिव्य मंत्रों का सामूहिक उच्चारण उपस्थित भक्तों के साथ करवाते हुए विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी। उन्होंने कहा मां के अनेक रुप हैं, पूजा भक्ति से मां प्रसन्न होती है। साथ ही आचार्यश्रीजी जरूरत मंद कन्याओं को भोजन प्रसाद कराने व समस्त नारी जाति का आदर भाव से सम्मान करने की प्रेरणा दायी सीख भी दी। इस अवसर पर उन्होंने माता का व गुरुदेवश्रीजी का गुंजायमान जयकारा लगवाया। ब्रम्हऋषि आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सांखला ने बताया कि महा महोत्सव के नौ दिवसीय भक्ति मय कार्यक्रम के विसर्जन से एक दिवस पूर्व यहां महा चंडी यज्ञ भी संपन्न हुआ, जिसमें गुरुभक्तों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी। ऑनलाइन वर्चुअल एवं यूट्यूब के माध्यम से देश और दुनिया के बड़ी संख्या में गुरु भक्तों ने जुड़कर आयोजन का लाभ लिया। मां के विसर्जन विधिवत कार्यक्रम में प्रिया-प्रखर गोलेछा सहित अनेक भक्तों ने मां को रिझाने की भक्तिमय अपनी प्रस्तुतियां भी दी। सांखला ने बताया कि आश्रम की युवा टीम द्वारा आयोजित एवं बेंगलूरु के राजकुमार सिपानी परिवार द्वारा प्रायोजित इस आयोजन में सभी का स्वागत एवं आभार गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन घनश्याम मोदी ने जताया। इस दौरान आश्रम के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष संपत पोद्दार, राष्ट्रीय संयोजक भूपेंद्र जैन, प्रभा भंडारी, शांतिलाल मेहता, सुनील आहूजा, दिलीप नाहर, उगमराज हुंडिया, अतुल सुरेखा, राजेश चोरड़िया, महेंद्र दफ्तरी, चंद्र कोठारी, कृष्णकांत कनोडिया सहित अनेक गुरु भक्त मौजूद रहे। सभी को मां को समर्पित गुलाल लगाया गया एवं प्रसाद भेंटकर आचार्यश्रीजी ने आशीर्वाद प्रदान किया।