आचार्य श्री नानेश की पुण्यतिथि प्रसंग पर विशाल रक्तदान शिविर / रावतमल संचेती व कन्हैयालाल बोथरा ने किया उद्घाटन





बीकानेर। श्री साधुमार्गी जैन श्रावक संस्थान व समता युवा संघ के तत्वावधान में जैन जवाहर विद्यापीठ में आचार्य श्री नानेश की पुण्यतिथि के प्रसंग पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 79 भाई-बहनों ने रक्तदान किया। रक्तदान कार्यक्रम का लाभ कन्हैयालाल, ऋषभ कुमार बोथरा परिवार ने लिया। कार्यक्रम की शुरुआत रावतमल संचेती व कन्हैयालाल बोथरा ने रिबन काटकर व श्रमण भगवान महावीर की जयघोष, आचार्य श्री नानेश की जयघोष, आचार्य श्री रामलालजी म.सा. की जयघोष के साथ की। पीबीएम अस्पताल की डॉक्टर टीम ने पहुंचकर रक्त लिया। इस अवसर पर संघ मंत्री चंचल कुमार बोथरा ने बताया कि आचार्य श्री नानेश इस सदी के महान महापुरुष आचार्य थे। जिनके रोम-रोम में समता की साधना बसी हुई थी। जीवन के हर मोड़ पर समता का जीवन जिया और प्राणी मात्र को समता से जीवन जीने का उपदेश दिया। इस अवसर पर विशाल धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए गौतम मुनि जी म.सा. ने फरमाया कि आचार्य श्री नानेश की साधना ढूंढऩे से नहीं मिलती। एक बार तो इतना दिमाग ठंडा की बर्फ को भी शर्म महसूस होने लगती। इस अवसर पर निश्चल मुनि जी म.सा. ने अलौकिक महापुरुष निरुपित किया, साध्वी श्री हर्षिला श्री जी म.सा. ने भारतीय संत में आचार्य श्री नानेश को विशिष्ट आचार्य बतलाया। इस अवसर पर मदन मुनिजी व खन्तिप्रिया जी म.सा. साध्वी ने गुरु भक्ति का गीत प्रस्तुत किया। 

मंजूदेवी मिनी, प्रमिला बोथरा आदि महिलाएं, युवा, महानुभाव उपस्थित होकर रक्तदान की अनुमोदना की। डॉ. मनोज ने बताया कि ऐसा अनुशासन व व्यवस्था जो रक्तदान की है वह वास्तविक प्रशंसनीय है व औरों के लिए अनुकरणीय है। इस मौके पर प्रकाश ललवाणी, जयचंदलाल डागा, मोहन सुराणा, निर्मल छलाणी, लूणकरण सुराणा, डूंगरमल सेठिया, ऋषभ बोथरा, पारस डागा, दिलीप कातेला सहित अनेक मौजूद थे।