एसकेआरएयू : 'उत्पादन के साथ राजस्व बढ़ाने वाले एसकेआरएयू के बीज की देशभर में मांग, इस वर्ष 2975.81 क्विंटल बीज उत्पादन'




सीके न्यूज। छोटीकाशी। बीकानेर। राष्ट्रीय बीज परियोजना के तहत रबि सीड प्रोडक्शन 2021-22 समीक्षा बैठक सोमवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर पी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के दौरान रबि 2021-22 के मौसम के लिए बीज-उत्पादन एवं वर्ष 2020-21 में उत्पादित अलग अलग श्रेणी के बीजों जैसे की प्रजनक, आधार, सत्यापित व सत्य चिन्हित बीज की समीक्षा की गई और रबि 2021-22 में  पैदा किए जाने वाले अलग-अलग श्रेणी के बीजों का लक्ष्य आवंटन किया गया। विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र में 15 फॉर्म आते हैं इन समस्त फॉर्म-एरिया में बीज उत्पादन बढ़े और बीज अच्छी ग्रेडिंग व पैकेजिंग के साथ किसानों को उपलब्ध कराये जाने पर चर्चा हुई। कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि बीज किसी भी संस्थान के लिए राजदूत का काम करता है, बीज उस संस्थान की पहचान है, अच्छी पैदावार का श्रेय ज्यादातर बीज को ही मिलता है। बीज का उत्पादन में 20 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक योगदान रहता है अत: गुणवत्ता युक्त बीज की हमेशा मांग रही है। नई किस्मों का भी बीज उत्पादन किया जाए ताकि नई किस्मों के बीज भी किसानों को उपलब्ध हो सके। 2020-21 में 2975.81 क्विंटल बीज उत्पादन किया गया और रबि 2021-22 के लिए 20 प्रतिशत बढ़ाकर लक्ष्य रखा गया। विश्वविद्यालय के सीड प्रोडक्सन यूनिट द्वारा उत्पादित बीजों की मांग पूरे देश में रहती है और हमें इसी के अनुरूप कार्य करना है। वर्तमान में हमारे संस्थान को प्राप्त 1800 क्विंटल के इंडेंट को एक अवसर के रूप में लेना होगा और इसी तर्ज पर उत्पादन बढ़ाना होगा। बैठक में बीज उत्पादन लक्ष्य प्राप्ति हेतु मॉनिटरिंग, मैनेजमेंट व एक्सपट्र्स की सलाह से कई समस्याओं का हल किया जा सकता है और वांछित लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं। बीज उत्पादन के दौरान मिश्रण से बचने के लिए एक फॉर्म पर सिंगल वैरायटी पर चर्चा हुई इसी के साथ मध्यावधि बैठक का भी सुझाव रखा गया। बीज उत्पादन के साथ राजस्व बढ़ता है और राजस्व के बढऩे पर विश्वविद्यालय की रैंकिंग में भी सुधार होता है अत: यह आवश्यक है कि किस तरह से गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन बढ़ाया जाए आज भी किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए बीज पर पूरा विश्वास है। समीक्षा बैठक के संयोजक व अतिरिक्त निदेशक (बीज) डॉक्टर एन.के. शर्मा ने बताया कि बैठक में डॉ पी एस शेखावत निदेशक अनुसंधान, डॉ आर पी एस चौहान, डॉ एस आर यादव, डॉ विजय प्रकाश, डॉ ए के शर्मा, डॉ पी सी गुप्ता और विश्वविद्यालय के सातों कृषि विज्ञान एवं दो कृषि अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारियों व वैज्ञानिकों ने भाग लिया।