जहरीली एवं ज्वलनशील गैस डिटेक्ट करने वाला बहुउपयोगी उपकरण तैयार किया ईसीबी छात्रों ने





सीके न्यूज/छोटीकाशी। बीकानेर। राजस्थान में बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज (ईसीबी) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के चौथे वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों गिरीश कुमार जाट, अभिषेक कौशिक, मोहित छेतीजा एवं दीपेश वर्मा ने जहरीली एवं ज्वलनशील गैस डिटेक्ट करने वाला बहुउपयोगी उपकरण तैयार किया है। यह उपकरण मीथेन, एलपीजी, सीएनजी, प्रोपेन, हाइड्रोजन जैसी अत्यंत ज्वलनशील एवं कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया, कार्बोन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी अत्यंत जहरीली गैस का बहुत आसानी से पता लगा सकता है। असिसटेंट प्रोफेसर डा. नवीन शर्मा ने बताया कि गैस की मात्रा उपकरण में दिए गए लेवल से ज्यादा होते ही डिवाइस एक्टिव हो जाता है एवं इसमें लगे 2.जी जीएसएम मॉड्यूल की सहायता से किसी नंबर पर अलर्ट का स्वचालित मैसेज भेज देता है। साथ ही डिवाइस में लगी एलसीडी पर आप गैस की मात्रा और अलर्ट को देख सकते हैं, आस पास के लोगों को सावधान करने के लिए इसमें एक साउंड अलार्म भी है। इस पूरे उपकरण आरदुइनो मॉड्यूल से कंट्रोल किया जाता है। उपकरण का विद्युत खर्च एक साधारण मोबाइल के चार्जर जितना ही है। डिवाइस की खास बात यह है कि कार्बोन मोनोऑक्साइड जैसी गैस जिसका कोई रंग नहीं होता एवं इस गैस की कोई गंध भी नहीं होती। उसका भी पता लगा के अलर्ट भेज सकता है क्योंकि यह गैस काफी जहरीली होती है। इस यंत्र के निर्माण में तकनीकी निर्देशन प्रदान करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ महेंद्र भादू ने बताया कि इस उपकरण में लगे सेंसर अत्यधिक धुआं होने पर भी एक्टिव हो जाते हैं, जिससे आग लगने का अलर्ट भी मिल जाता है। इस उपकरण का इस्तेमाल घर, ऑफिस एवं उन इंडस्ट्रीज या फैक्ट्रीज में किया जा सकता है, जहां पर अत्यधिक रूप से ज्वलनशील गैस का इस्तेमाल होता है या जहां जहरीली गैस के रिसाव का खतरा बना रहता है। इस उपकरण के कार्य करने के तरीके या गैस की मात्रा को मापने के लिए कोई भी अनुकूल परिवर्तन केवल इसके प्रोग्राम को बदलने से हो जाता है।


उपकरण का इतना है खर्चा


इलेक्ट्रिकल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विकास शर्मा में बताया कि डिवाइस का कुल खर्च तीन हजार रुपये से नीचे है एवं डिवाइस बिना किसी रखरखाव के लंबे समय तक चल सकता है। विद्युत विभाग के इस शोध पर ईसीबी के प्राचार्य डॉ जय प्रकाश भामू एवं जन सम्पर्क अधिकारी डॉ नवीन शर्मा ने बधाई प्रेषित करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के शोध कार्यो को जारी रखने की सलाह दी। पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री, कार में उपयोग होने वाली सीएनजी गैस लीकेज, इलेक्ट्रिकल व्हीकल में गैस लीकेज, घर में एलपीजी सिलिंडर लीकेज होने पर, उर्वरक उद्योग, इलेक्ट्रो मैकेनिकल इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, बैटरी से संचालित होने वाले वाहन इत्यादि में ये उपकरण उपयोगी है।