15 कृतियों के लोकार्पण के साथ ही पूर्ण हुआ वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार आचार्य का 'मधु शतक'




सीके न्यूज/छोटीकाशी। राजस्थान में बीकानेर के धरणीधर रंगमंच पर वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार  व साहित्यकार मधु आचार्य 'आशावादी' की 15 कृतियों के लोकार्पण प्रकाशित पुस्तकों की संख्या 100 हो गई। इस मौके पर शहर के अलग-अलग क्ष़ेत्रों के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। राजस्थानी भाषा के पुरजोर पक्षधर और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वरिष्ठ आलोचक व नाटककार अर्जुनदेव चारण, नई दिल्ली से आये प्रसिद्ध व्यंग्यकार रमेश सैनी, जबलपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्य समालोचक रमेश तिवारी, गायत्री शर्मा और श्रोताओं की मौजूदगी में प्रकाशित कृतियों पर पत्रवाचन मनीषा आर्य सोनी ने किया। राजस्थान के दबंग नेता रहे और पूर्व काबीना मंत्री देवीसिंह भाटी ने बड़ी साफ गोई से अपने उदबोधन में बताया कि साहित्य सृजन की ये यात्रा निश्चित रूप से अचंभित करने वाली है। भाटी ने अपने संस्मरण का जिक्र करते हुए कहा कि मैं खुद किताब लिखने का प्रयास करता रहा हुं मगर अभी भी बहुत सारे सुधार की जरुरत महसूस होती रही है। डॉ अर्जुनदेव चारण ने लोकार्पण के मौके पर अपने प्रभावशाली उदबोधन में कहा कि एक लेखक की सक्रियता से सात्विक सत्ता की स्थापना होती है। चारण ने कहा की इस संसार में दो व्यवस्थाएं प्रभावी हैं पहली समाज व्यवस्था जो प्रकृति प्रदत्त है और दूसरी है राज व्यवस्था जो मानव निर्मित है। इन दोनों व्यवस्थाओं में के बीच बड़ा अंतर है। इसलिए समाज व्यवस्था की आवाज को लोक व्यवस्था तक पहुंचाने का काम लेखक का होता है। कार्यक्रम की शुरुआत में पत्रकार धीरेंद्र आचार्य ने उपस्थित सभी मंचासीन और श्रोताओं का आभार जताया।