राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 1178 प्रकरणों का किया निस्तारण





बीकानेर, 10 जुलाई (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी। जिला मुख्यालय बीकानेर एवम् प्रत्येक ताल्लुका नोखा/श्रीडूंगरगढ/कोलायत/लूणकरणसर/खाजूवाला मुख्यालय पर सभी प्रकृति के विवादों के निस्तारण व प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया। न्यायाधीश मदनलाल भाटी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में से कुल 3449 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये। जिनमें 1178 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से निस्तारण हुआ तथा 72534999 राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसके अलावा प्रि-लिटीगेशन के 7261 प्रकरण रखे गये जिनमें से 302 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत की भावना से होकर उनमें से 18763553 राशि का अवार्ड पारित किया गया। मनोज कुमार गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवम् सेशन न्यायाधीश), बीकानेर ने बताया कि कॅाविड-19 को ध्यान में रखते हुए पूर्ण रूप से सावधानी बरती गयी तथा समस्त आगन्तुकों के लिये हैंड सेनेटाईजर व मास्क की पर्याप्त व्यवस्था की गयी। जिसमें सभी बैंक कर्मियों द्वारा सोशल डिस्टेसिंग की पालना करते हुए विवादों का निस्तारण किया गया। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि वर्तमान समय में वैकल्पिक विवाद निस्तारण का एक महत्वपूर्ण माध्यम लोक अदालत है लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को बिना किसी खर्चे के त्वरित न्याय मिलता है एवम् उसकी अपील भी नहीं होती है। उन्होंने लोक अदालत बैंचों के सभी सदस्यों, अधिवक्तागण, समस्त बैंकों के मैंनेजर/अधिकारीगण, पक्षकारों, कर्मचारीगण का इस लोक अदालत के आयोजन में सकारात्मक भूमिका अदा करने के लिये धन्यवाद प्रकट किया एवम अपील की कि भविष्य में भी आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों में समाज का प्रत्येक वर्ग सकारात्मक योगदान देवें।