शतचण्डी महायज्ञ : संत भावनाथ महाराज ने पुष्प व अक्षत देवी को अर्पण कर देश दुनिया के आरोग्य के लिए प्रार्थना की



बीकानेर [सीके न्यूज/छोटीकाशी]। बिना शक्ति हर चीज शून्य है। शक्ति पूजा व आराधना के पीछे गहरी सोच है। आज शक्ति जिसके पास है वही प्रभावशाली है। हमें नारी शक्ति का सम्मान सत्कार करना चाहिये। यह विचार संत भावनाथ महाराज ने रमक झमक कार्यालय में शुरु हुए शतचंडी महायज्ञ [पाठात्मक] में रखे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति नारी शक्ति का सम्मान नहीं करते उनके ऊपर देवी चामुंडा भी कृपा नहीं करती इसलिये नारी शक्ति की इज्जत सम्मान सत्कार जरूर करने का संकल्प लें तभी देवी प्रसन्न होती है। संत भावनाथ महाराज ने पुष्प व अक्षत देवी को अर्पण कर देश दुनियां के आरोग्य के लिये प्रार्थना भी की। पं. प्रहलाद ओझा 'भैरु' ने बताया कि प्रथम दिन यज्ञाचार्य पण्डित गणेश कुमार ने माँ चण्डी का गणपति, रुद्र कलश, नवग्रह षोडशमातृका आवाहन कर षोडशोपचार पूजन करवाया तथा दुर्गा कवच, अर्गला आदि कर दुर्गासप्तशती पाठ सामूहिक रूप से किया।