बीकानेर, 26 जून (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राजस्थान के विश्वप्रसिद्ध बीकानेरी भुजिया व पापड़ का फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) लाइसेंस बनना अब दुर्लभ हो गया है। जानकारी में रहे कि यह लाईसेंस पहले जहाँ बीकानेर का बीकानेर में ही बन जाता था लेकिन अब उसे सेन्टर दिल्ली में बनाने की एफएसएसएआई की कवायद है जिससे व्यापारियों के व्यापार करने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बीकानेर पापड़-भुजिया मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि जैसा कि सभी जानते है भारत में कोई भी फूड प्रोडक्ट बनाने के लिए सबसे पहली अनिवार्यता एफएसएसएआई लाइसेंस की है उसे बनाने के लिए पहले भी व्यापारियों को अपनी व्यवस्थाओं को नियमावली के अनुरूप करना होता था परंतु हाल ही में हुए बदलाव के कारण अब 12 लाख से ऊपर के टर्नओवर वाली फर्मों को लाइसेंस दिल्ली से बनाना पड़ेगा जो कि बहुत मुश्किल हो गया है यहां के व्यापारियों को। क्योंकि जहां 1500 रुपए 5 साल की फीस यहाँ के व्यापारी दे रहे थे उसी लाइसेस की 37500 रुपये 5 साल की सरकारी फीस उन्हें देनी होगी। उसके साथ ही वहाँ के नियम इतने कड़े है कि हर किसी के लिए वहाँ के नॉम्र्स पर खरा उतरना भी सम्भंव नही हो पा रहा है। वैसे ही मन्दी ओर कोरोनाकाल की मार झेल रहे व्यापारी लाइसेंस के लिए दिल्ली के चक्कर निकाल निकाल कर हैरान परेशान हो रहे है। अग्रवाल ने कहा कि जब सभी सुविधाएं यहाँ पहले से उपलब्ध थी तो लाइसेंस का दिल्ली स्थानांतरण का कोई औचित्य ही नही था। ऊपर से कई गुना बढ़ी हुई फीस जिसका व्यापारी हित में कोई सुविधा भी नही है और यहाँ बन रहे 12 लाख टर्नओवर से हम ऐसे समझ सकते है प्रतिदिन 3333 रुपये की बिक्री करने वालों को ही या यूं समझ सकते है अभी वर्तमान में पापड भुजिया 200 रूपये किलो माने तो दिन में 16 किलो माल बेच पाने वालों के लिए ही यानी लगभग 99 प्रतिशत व्यापारियों को दिल्ली से बना लाइसेंस अनिवार्य होगा। इसके साथ ही जिनके पहले से स्टेट गवर्नमेंट से लाइसेंस बने हुए है उन्हें भी इसे दिल्ली से दोबारा बनवाना पड़ेगा। चाहे उनकी लाईसेंस की एक्सपायर डेट में समय बाकी हो उन्हें भी नए के भांति दुबारा से अप्लाई करना होगा इन्ही शर्तो के साथ। हालाकि उनका एफएसएसएआई नंबर परिवर्तित नही होगा पर नए की भांति समस्या का सामना करना पड़ेगा। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए भुजिया पापड़ एसोसिएशन ने पहले भी जनप्रतिनिधियों को इस समस्या के निवारण हेतु अवगत करवाया था पर कुछ भी सार्थक सामाधान न हो सका। अगर लाइसेंस के लिए इस प्रकिया में व्यापक सुधार न हुआ तो आने वाले कुछ महीनों में पापड़ भुजिया के सैंकड़ों कारखाने बन्द हो जाएंगे।
विश्वप्रसिद्ध बीकानेरी भुजिया व पापड़ का एफएसएसएआई लाइसेंस बनना हुआ दुर्लभ, सुधार नहीं हुआ तो बंद हो जाएंगे सैकड़ों कारखाने !