कोविड-19 की वजह से लगी पाबंदियों से सवा साल से कार-जीप-टैक्सी व्यवसाय ठप्प, मालिकों व ड्राईवरों की माली हालत खस्ता




बीकानेर, 04 जून (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राजस्थान प्रदेश जीप-कार-टैक्सी एकता यूनियन के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को कलक्टर के माध्यम से एडीएम सिटी अरुण प्रकाश शर्मा को पत्र सौंपकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों की आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हीरालाल विश्नोई ने पत्र में अवगत कराया गया है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले सवा साल से लगी विभिन्न पाबंदियों के कारण कार-जीप-टैक्सी व्यवसाय ठप्प पड़ा है। जिसके चलते टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों की माली हालत खस्ता है। इस संंबंध में यूनियन पदाधिकारियों ने अनेक बार प्रशासनिक अधिकारियों के मार्फत मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने के लिए कहा लेकिन किसी भी अधिकारी ने समय नहीं दिया और न ही मुख्यमंत्री से मिलने दिया। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हीरालाल विश्नोई ने कहा कि सरकारी की तरफ  से यदि कोई मदद नहीं मिल पाती है तो टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों के परिवारों का पालन पोषण भी मुश्किल हो जाएगा। यूनियन ने पत्र में नौसूत्री मांगें भी रखी हैं जिनमें उनके वाहनों की किस्तों को आगामी 12 महीनों के मोरटोरियम का लाभ देकर आगे बढ़ाने, बढ़ाए गए मोरटोरियम पर ब्याज माफ  करने, टैक्सी करों पर जो 9 से 18 प्रतिशत ब्याज लिया जा रहा है उसे अधिकतम 6 प्रतिशत करने, टैक्सी कारों के परमिट को 2 वर्षों तक बढ़ाए जाने आदि की मांग की गई है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र ही कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो सभी संगठन सहमति अनुसार पूरे राजस्थान में अपने वाहनों की चाबियां आरटीओ विभाग को सौंप देंगे।