कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों की स्थिति पर की गई पब्लिक ऑडिट की रिपोर्ट सौंपी, जन स्वास्थ्य पर प्रभावी प्रबन्धन की मांग





बीकानेर, 24 मई (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राजस्थान के बीकानेर में जन संघर्ष समिति द्वारा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के हालात और कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों की वास्तविक स्थिति पर की गई सात दिवसीय पब्लिक ऑडिट की रिपोर्ट सोमवार को कलेक्टर नमित मेहता को सौंपी गई। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई के नेतृत्व में समिति संयोजक सुरेंद्रसिंह शेखावत, एडवोकेट अशोक भाटी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह भाटी और सुभाष बाल्मिकी ने रिपोर्ट सौंपी। समिति ने देश के स्वास्थ्य सेवाओं के विशेषज्ञों द्वारा दूसरी लहर की आशंका के बावजूद ऑक्सीजन की संभावित जरूरत का आंकलन नहीं करके नए प्लांट लगाने में देरी, सम्भावित मरीजों के अनुपात में वेंटिलेटर की बढ़ोतरी न करने, केंद्र द्वारा भेजे गए वेंटिलेटर का राजनीतिक द्वेषतावश उपयोग न करने, राज्य भर में जरूरी डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ  के खाली पदों को न भरने, जीवन रक्षक दवाइयों की जरूरी खरीद न करने जैसे मामलों में सरकारी स्तर पर भारी चूक रिपोर्ट में मानी है।


पीबीएम अस्पताल पर रिपोर्ट


पीबीएम अस्पताल परिसर स्थित कोविड सेंटर में सफाई व्यवस्था, वेंटिलेटर चलाने वाले एक्सपर्ट का अभाव, सुरक्षा व्यवस्था में कमी, पीपीई किट पहनने अनुभवहीन, रेमिडिसिवर टीकों और वेंटिलेटर आवंटन में राजनीतिक दखलन्दाजी, पीबीएम में ऑक्सीजन और टीकों की कालाबाजारी करने वाले कर्मिकों के संगठित गिरोह आदि के मसले पर रिपोर्ट में ध्यान आकर्षित किया है। ऑक्सीजन मित्र के प्रयोग, अस्पताल में लगाए गए प्रशासनिक अधिकारियों और सीनियर डॉक्टर्स की कार्यशैली की प्रशंसा रिपोर्ट में की गई है।


निजी अस्पतालों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह 


उपलब्ध चिकित्सकों एवं सहायक स्टाफ  के मुकाबले अधिक मरीज भर्ती करने, सरकार द्वारा निर्धारित दर के बावजूद अधिक वसूली, ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अधिक मरीज भर्ती करने, चिरंजीवी योजना का लाभ न देने जैसे मामलों में निजी अस्पतालों को दोषी माना है वहीं एक निजी अस्पताल में हुई मौतों के मामले में प्रशासनिक लापरवाही की शिकायत की है। ग्रामीण क्षेत्रों पर रिपोर्ट में सीएचसी पीएचसी और सब सेंटर के नेटवर्क को उपयोग में न लेने, ग्रामीण क्षेत्र में जांच एवम पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता न होने, ऑक्सीजन की व्यवस्था न करने और जरूरी मानव संसाधन की भर्ती न करने के मामले में चूक मानी है । रिपोर्ट में सम्भावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सीएचसी पीएचसी के नेटवर्क को उपयोग में लेने, पीएचसी पर न्यूनतम पांच ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराने, सीएचसी पर आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध करवाने, जरूरी स्टाफ  की भर्ती करने एवं ब्लेक फंगस के लिए आवश्यक दवाओं का स्टॉक करने का सुझाव रिपोर्ट में दिया गया है। समिति ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि राज्य सरकार से सम्बंधित मसलों को उच्चाधिकारियों को भेजे एवम स्थानीय स्तर के मसलों पर खुद प्रभावी मोनिटरिंग करें।