खतरनाक साबित हो सकता है बगैर कोर्स ज्यादा विटामिन लेना : डॉ राजू व्यास





नई दिल्ली। कोरोना काल में डॉक्टरी इलाज के साथ ही लोग तरह-तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं। कोई फिटकरी का घोल पीने को कहता है तो कोई नींबू का रस नाक में डालने की बात करता है। किसी को लगता है कि मध्यम आकार का प्याज खाने से कोरोना दूर हो जाता है। जितने मुंह उतनी बातें। इन सब की कोई पुष्टि भी नहीं करता कि उक्त चीजें खाने से अमुक व्यक्ति ठीक हो गया। इसके साथ ही जो लोग घरों पर है और स्वस्थ है, उन्हें लगता है कि अपना इम्यूनिटी पावर बढ़ा लो। इस पावर को बढ़ाने के लिए वह आमतौर पर विटामिन सी, डी, जिंक, कैल्शियम, मल्टी विटामिन आदि टेबलेट का सेवन कर रहे हैं, परन्तु अगर चिकित्सा विशेषज्ञों की मानी जाए तो इसका अत्यधिक सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। यानी इम्यूनिटी बढ़ाने के बजाय व्यक्ति ओर अधिक बीमार पड़ सकता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दवा लेने का भी एक कोर्स होता है। अगर आप उसे फॉलो नहीं कर रहे हैं तो ये नुकसानदायक भी हो सकते हैं। राजधानी दिल्ली में शालीमार बाग फोर्टिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजू व्यास ने इम्यूनिटी बूस्टर के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को ये जरुर पता होना चाहिए कि चाहे विटामिन सी या डी हो या मल्टी विटामिन का एक माह का ही कोर्स होता है। यही नहीं जिंक का ज्यादा इस्तेमाल भी हानिकारक है। उन्होंने बताया कि मल्टी विटामिन ज्यादा से ज्यादा एक माह तक खानी चाहिए। वरना ये शरीर के विभिन्न अंगों के लिए नुकसानदेह है। डॉ राजू व्यास के मुताबिक इसके अलावा जो लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के चक्कर में जरुरत से ज्यादा च्यवनप्राश खा रहे हैं, उनके शूगर और हार्ट की बीमारियां बढ़ रही है। ध्यान रहे कि हमें काढ़ा से लेकर कोई भी इम्यूनिटी बूस्टर एक निश्चित अवधि से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक आयी रिसर्च में विटामिन ए, डी और ई की ओवरडोज के खतरे भारत में साबित हो चुके हैं, लेकिन बाकी विटामिन की ओवरडोज पर अभी काम किया जाना बाकी है। कोरोनाकाल में ऐसे कई मरीज सामने आए हैं, जिनमें विटामिन्स की अधिकता के चलते कई तरह की समस्याएं बढ़ गयी है। जैसे लोगों में लीवर, ब्लड शूगर और हार्ट की समस्याएं ज्यादा देखी गयीं। डॉ राजू ने यह भी बताया कि बच्चों को सप्लीमेंट देने के मामले मेें सजग रहना आवश्यक है। बगैर डॉक्टरी सलाह के बच्चों को किसी तरह के सप्लीमेंट नहीं देने चाहिए। उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कैल्शियम और मल्टीविटामिन एक माह तक अधिकतम दे सकते हैं। लेकिन उससे ज्यादा देना फायदे के बजाय नुकसान कर सकता है।