स्व. रामरतन कोचर की 39वीं पुण्यतिथि : ट्राइसाइकिल, व्हील चेयर, विद्यार्थियों को पोशाक व जरुरतमंद महिलाओं को वितरित की सिलाई मशीन





बीकानेर, 4 अप्रैल {CK NEWS/CHHOTIKASHI}। साहस, सहिष्णुता और संकल्प के साथ जीवन जीने वाले स्व. रामरतन कोचर हमेशा अमर रहेंगे।  उक्त विचार साध्वीश्री सौम्यप्रभाश्रीजी ने रविवार को स्व. रामरतन कोचर की 39वीं पुण्यतिथि पर गंगाशहर के कोचर सर्किल पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। साध्वीश्री ने कहा कि स्व. कोचर ने देश की सेवा व धर्म की रक्षा में कभी कोई कमी नहीं रखी। आज भी उनकी पीढ़ी धर्म व सेवा के क्षेत्र में अग्रणी रहती हैं। समारोह के मुख्य अतिथि ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। एक पत्रकार का कार्य जनता की आवाज बन कर लोकतंत्र को मजबूत करना है। डॉ. कल्ला ने कहा कि स्व. कोचर ने अपनी पत्रकारिता से उस समय सरकार तक को प्रभावित किया था। सुभाषचन्द्र बोस की प्रेरणा को मानने वाले तथा गांधीजी के अनुयायी स्व. कोचर द्वारा बीकानेर में मलेरिया महामारी के समय जरुरतमंदों को दवाइयां देना तथा अनाज की आपूर्ति करवाने का भी सेवा कार्य किया गया।  डॉ. कल्ला ने बताया कि स्व. रामरतन कोचर ने अकाल के समय राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया। यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं। डॉ. कल्ला ने कहा कि भाईजी खादी पहनते थे और कहते थे कि खादी मात्र एक कपड़ा नहीं बल्कि विचारधारा है। कार्यक्रम में राज्यसभा की पूर्व सांसद जमुना बारुपाल का भी आतिथ्य प्राप्त हुआ।

मुख्य वक्ता वर्धमान महावीर ओपन विवि कोटा के कुलपति डॉ. रतनलाल गोदारा ने कहा कि जिनके गुण जिन्दा हैं, वो हमेशा अमर हैं। व्यक्ति मर सकता है लेकिन व्यक्तित्व नहीं मरता। आज के दौर में पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है लेकिन साहित्यकार और पत्रकार ही जागरुकता का प्रवाह कर सकते हैं। डॉ. गोदारा ने कहा कि स्व. कोचर विरले व्यक्ति ही थे कि आज 39 साल बाद भी लोगों के दिलों में वास करते हैं।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मगन कोचर ने भजन की प्रस्तुति से किया। स्वागत भाषण धर्मचन्द जैन ने दिया तथा आभार वल्लभ कोचर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र कोचर व सुमित कोचर ने किया। श्रद्धा मणोत, राशि सुराणा ने तिलक लगाकर व मोहन सुराणा, जानकीनारायण श्रीमाली, पूर्व विधायक सोहन नायक ने स्वागत किया।

स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के संतोष जैन ने बताया कि स्व. कोचर की 39वीं पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस एवं रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार के रूप में मनाते हुए वरिष्ठ पत्रकार व सूचना आयुक्त राज. सरकार नारायण बारेठ को 21 हजार का नगद राशि के साथ  श्रीफल, शॉल ओढ़ा कर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर संस्था के चन्द्रकुमार कोचर, जयचन्दलाल डागा, कन्हैयालाल बोथरा, गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान उज्ज्वल, पूर्व सरपंच रामगोपाल सियाग, रामेश्वरलाल चौधरी, वल्लभ कोचर व विजय कोचर द्वारा दो जनों को ट्राई साइकिल, एक व्यक्ति को व्हील चेयर, सरकारी विद्यालय के 28 बच्चों को पोशाक तथा सात जरुरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की गई।


अवाम को जागरुक करना पत्रकार का सच्चा धर्म : बारेठ

स्व. रामरतन कोचर समिति द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार व सूचना आयुक्त राज. सरकार नारायण बारेठ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जात-पात व ऊंच-नीच की भेद नहीं करना ही मानवता है। सद्भाव वाले व्यक्तित्व का स्मरण सद्भावना दिवस के रूप में मनाकर सच्ची श्रद्धांजलि है। पत्रकारिता विषय पर बारेठ ने कहा कि पत्रकारिता वेतन के लिए नहीं बल्कि अवाम को जागरुक करने का कार्य है। सूचना देना व लोगों को शिक्षित करना यही मूल कार्य होते हैं पत्रकार के। अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश भी मीडिया को बहुत बड़ी ताकत मानता है।  

इन्होंने दी श्रद्धांजलि

जैन लूणकरन छाजेड़, दिलीप बांठिया, रामस्वरूप बिश्नोई, द्वारकाप्रसाद पचीसिया, खूमराम पंवार, जेठमल कोचर, सीताराम कच्छावा, दिलीप कातेला, हजारीप्रसाद देवड़ा, विजय कोचर, शिखरचन्द सुराना, सोहन चौधरी, शांतिलाल कोचर, सुरेन्द्र डागा, संध्या सक्सेना, रामप्रताप डेलू, महेन्द्र पुगलिया, शिवजीराम झाझरिया, सुनीता गौड़, नरेन्द्र कोचर, सांगीलाल मेघवाल, रूपाराम गोदारा,  विजय डागा, गंगाराम चौधरी, जयंतीलाल कोचर, प्रशांत कोचर, मुमताज अली, राहुल जादुसंगत, दिनेश सियाग, विनोद खन्ना, हीरु खां टावरी, तोलाराम सियाग, पूनमचन्द माली, ओमप्रकाश धारणिया, सुरेन्द्र कोचर, बिशनाराम गोदारा, मनोज चौधरी, नन्दलाल जावा, जिया उर रहमान, आनन्द सिंह सोढा, विनोद बाफना, कमलसिंह बैद, सुरेन्द्र जैन, राजकुमार, जतनलाल दूगड़, सम्पत सुराना व गिरिराज खैरीवाल आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की।