गोपालक को गोबर-गोमूत्र के लिए केवत नीति बनाकर रोजगार के नए आयाम स्थापित करे सरकार : राजकुमार किराडू




बीकानेर, 08 मार्च (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव राजकुमार किराडू ने कहा कि राजस्थान गो सेवा परिषद गोपालक को गोबर-गोमूत्र से क्रमश: खाद व कीट नियंत्रक बनाने तथा ऊर्जा के सतत स्त्रोत गोबर गोमूत्र से ही गोपालन को आर्थिक रूप से फायदे का धंधा बनाने की दिशा में कार्यरत है। परिषद ने छोटे स्तर पर इस दिशा में धरातल पर काम किया है। इससे गोपालक को गोबर-गोमूत्र का मूल्य मिलने लगा है। राजस्थान सरकार केवल नीति बनाकर गांव गांव में गोबर गोमूत्र उत्पाद आधारित रोजगार के नए आयाम स्थापित कर सकती है। परिषद और गांधी विद्या मंदिर सरदारशहर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को जिला उद्योग संघ सभागार में प्रेस-कांफ्रेंस में किराडू ने गोपालकों से जुड़े इस पुनीत कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गांधी विद्या मंदिर सरदारशहर का अपने कार्यों के आधार पर विश्लेषण है कि ग्राम पंचायत को मिलने वाले कुल वार्षिक बजट की 10 प्रतिशत राशि गोचर व गोशाला विकास व गो संवद्र्धन के लिए निर्धारित कर दें तो साथ में जन सहयोग से इस दिशा में नई प्रेरणा से अच्छा काम हो सकता है। इससे भारी जन जुड़ाव औऱ समाज का सहयोग बढ़ेगा। इन्हीं मुद्दों पर राजस्थान गो सेवा परिषद औऱ गांधी विद्या मंदिर सरदारशहर के संयुक्त तत्वावधान में कार्य चल रहा है। सरकार नीतिगत निर्णय कर ग्रामीण गो आधारित विकास के नए आयाम स्थापित कर सकती हैं। इस दिशा में विचार कर उचित कदम उठाएं तो अच्छा होगा। संयुक्त प्रयासों एवं राष्ट्रीय गौ समृद्धि सम्मेलन के सभी संभाग संयोजकों के मार्गदर्शन से राजस्थान के गौपालकों, समाजसेवियों, आम नागरिकों इत्यादि से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गोबर गोमूत्र को गौपालकों से खरीदने एवं उससे वर्मी कंपोस्ट बनाने के संबंध में नीति बनाने की मांग की जाएगी। जल्द ही इससे संबंधित नीति राजस्थान राज्य में लागू की जाएगी, इस नीति के लिए होने वाले किसी भी अहिंसापूर्ण धरने, प्रदर्शन, सम्मेलन के लिए सभी से संकल्प पत्र भरवाया जाएगा। ये संकल्प पत्र शनिवार और रविवार को संभाग संयोजकों की अगुवाई में पूरे प्रदेश स्तर पर भरवाए जाएंगे। प्रेस-कांफ्रेंस में बीकानेर संभाग संयोजक शिवशंकर बिस्सा, हनुमानगढ़ संयोजक प्रेम कम्बोज ने भी अपने विचार रखे।