राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ने विद्यार्थियों संग मनाया विज्ञान दिवस, निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू सहित अनेक रहे मौजूद




बीकानेर (सीके न्यूज/छोटीकाशी) भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) ने विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं अभिभावकों संग विज्ञान दिवस मनाया। विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य पर केन्द्र द्वारा कक्षा 8-10 तथा 11-12 वर्ग तक के स्कूलों विद्यार्थियों के ज्ञान में अभिवृद्धि एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित 'ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन: एक वैकल्पिक व्यवस्था' विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने विज्ञान दिवस के महत्व को परिभाषित करते हुए भावी पीढ़ी को विज्ञान से जोडऩे हेतु वैज्ञानिकों के अलावा विद्यार्थियों को विषेष रूप से प्रोत्साहित किया तथा कहा कि विद्यार्थी, विस्तृत, विविध, एवं नवाचारी ज्ञान तथा सोच के आधार पर आगे बढ़ते हुए मानव जाति के कल्याण एवं देष की समृद्धि और विकास में अपना अहम योगदान दें।  डॉ.साहू ने उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक कार्यक्षेत्र एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऊँटों की संख्या देष, राज्य एवं केन्द्र के लिए एक चिंता का विषय जरूर है परंतु इस प्रजाति के दूध की विभिन्न मानव बीमारियों यथा-मधुमेह, क्षय रोग, ऑटिज्म तथा इम्युनिटी (बूस्टर) आदि में औषधीय उपयोगिता एवं पर्यटन आदि क्षेत्रों में बहुआयामी उपयोग, इसकी प्रासंगिकता को सदैव बनाए रखने एवं सुनहरे भविष्य की ओर भी इषारा कर रहे हैं। इस प्रजाति में कई ऐसे गुण विद्यमान हैं जिन्हें औषध भण्डार' के रूप में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अभी खोजा जाना है। इस अवसर पर अध्यापकों का प्रतिनिधित्व करते हुए शिक्षा हाई स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा वालिया ने एनआरसीसी द्वारा आयोजित विज्ञान दिवस को विद्यार्थियों हेतु एक सुखद अनुभूति का द्योतक बताते हुए केन्द्र गतिविधियों से जुडऩे की बात कही। केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.सुमन्त व्यास एवं डॉ.एस.के.घोरूई ने देश एवं विदेश से जुड़े वैश्विक अनुसंधानों एवं उनके महत्व पर प्रकाष डाला।